Anti-Sikh riots – Sajjan Kumar gets life imprisonment in second case also
एडवोकेट एच.एस. फूल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर कहा, “… 2 आजीवन कारावास भी बहुत बड़ी बात है। जज ने अपने फैसले में लिखा है कि हमारी और सरकार की मांग थी कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा सुनाई जाए मगर वह नहीं दी गई क्योंकि उनकी उम्र 80 साल है। वे बीमार हैं और खुद को संभाल भी नहीं सकते हैं… यह कानून है कि 80 साल के ऊपर और बीमार व्यक्ति को फांसी की सजा नहीं सुनाई जाती..”
दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है… मैं SIT गठित करने और मामले को फिर से खोलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं। ये मामले 35 साल से बंद थे और सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमल नाथ जैसे लोग मुख्यमंत्री और सांसद के रूप में खुलेआम घूमते थे… हम मृत्युदंड की उम्मीद कर रहे थे… अब जगदीश टाइटलर और कमल नाथ की बारी है।”
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने कहा- हम इस बात से दुखी हैं कि सज्जन कुमार जैसे व्यक्ति को मौत की सजा नहीं दी गई। मेरा मानना है कि अगर उसे मौत की सजा दी जाती तो यह बेहतर होता और हमें संतुष्टि मिलती। 41 साल बाद भले ही उसे आजीवन कारावास की सजा मिली हो, लेकिन न्याय की जीत हुई है। मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं।

