बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं, इसलिए हालात मुश्किल हैं। हिंदुओं को अगर बांग्लादेश में सुरक्षित रहना है तो एकजुट रहना होगा। दुनियाभर के हिंदुओं को उनकी मदद करनी चाहिए।
भारत सरकार को इस पर ध्यान देना होगा। उन्हें कुछ करना होगा। हो सकता है वे (सरकार) पहले से ही कुछ कर रहे हों। कुछ बातें बताई जाती हैं, कुछ नहीं बताई जा सकतीं। कभी नतीजे मिलते हैं, कभी नहीं मिलते। लेकिन कुछ तो करना ही होगा।
हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है। इसे साबित करने की जरूरत नहीं, जैसे सूरज पूरब से उगता है। हमें नहीं पता कि यह कब से हो रहा है। तो, क्या इसके लिए भी हमें संवैधानिक मंजूरी चाहिए? जो भी भारत को अपनी मातृभूमि मानता है और भारतीय संस्कृति की सराहना करता है वह भारत को एक हिंदू राष्ट्र मानता है। यह संघ की भी विचारधारा है।
अगर संसद कभी संविधान में संशोधन करके शब्द (हिंदू राष्ट्र) जोड़ने का फैसला करती है। फिर चाहे वे ऐसा करें या न करें, कोई बात नहीं। हमें उस शब्द से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम हिंदू हैं और हमारा राष्ट्र एक हिंदू राष्ट्र है। यही सच है।
बांग्लादेश में 3 दिन पहले ढाका के नजदीक भालुका में धर्म का अपमान करने के आरोप में एक हिंदू युवक को पीट-पीटकर मार डाला। बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, युवक के शव को नग्न करके एक पेड़ से लटका कर आग लगा दी।
मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि यह घटना गुरुवार रात भालुका में हुई। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते दिख रहे हैं।
हिंदु युवक की मौत के बाद सामने आया कि उसने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कोई टिप्पणी नहीं की थी।
बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन के कंपनी कमांडर मोहम्मद शम्सुज्जमान ने बांग्लादेशी अखबार ‘द डेली स्टार’ को बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि दास ने फेसबुक पर कुछ ऐसा लिखा था जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती थीं।

