CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) 10वीं के स्टूडेंट 2026 से साल में 2 बार एग्जाम देंगे। एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बुधवार को यह जानकारी दी है। नए परीक्षा पैटर्न के मुताबिक, पहली परीक्षा सभी छात्रों के लिए जरूरी होगी और दूसरी ऑप्शनल।
पहली परीक्षा फरवरी और दूसरी मई में होगी। नतीजे अप्रैल और जून में जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही सप्लीमेंट्री एग्जाम खत्म कर दिए गए हैं। 12वीं बोर्ड पर अभी यह फैसला लागू नहीं होगा।
नए एग्जाम पैटर्न की 3 अहम बातें
दूसरी परीक्षा यानी ऑप्शनल एग्जाम में छात्रों को साइंस, मैथमेटिक्स, सोशल साइंस और लैंग्वेजेस में से किन्हीं 3 सब्जेक्ट में अपनी परफॉर्मेंस सुधारने की इजाजत दी जाएगी।
विंटर बाउंड स्कूलों (सर्दियों में बंद रहने वाले स्कूल) के छात्रों को दोनों परीक्षाओं में से किसी में भी बैठने की इजाजत होगी।
अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में 3 या अधिक सब्जेक्ट्स में शामिल नहीं हुआ है, तो उसे दूसरी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अगस्त 2024 में तैयार हुआ था ड्राफ्ट
साल में 2 बार एग्जाम कराने का ड्राफ्ट अगस्त 2024 में तैयार किया गया था। इस दौरान शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि जिस तरह स्टूडेंट्स के पास साल में दो साल इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) देने का ऑप्शन होता है, उसी तरह स्टूडेंट्स 10वीं के एग्जाम साल में दो बार दे सकेंगे।
मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने पिछले सप्ताह 19 फरवरी को CBSE बोर्ड सचिव और दूसरे शिक्षाविदों के साथ साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम कराने को लेकर चर्चा की थी। शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने CBSE, NCERT, KVS, NVS और कई स्कूल पदाधिकारियों के साथ साल में 2 बार परीक्षाएं कराने पर चर्चा की जिसके बाद ये फैसला लिया है।
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला Axiom मिशन 4 के तहत आज 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए। वो इस मिशन के पायलट हैं। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। ये मिशन इससे पहले 6 बार टाला जा चुका था।

