शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि उद्धव-राज का गठबंधन वास्तव में अस्तित्व में आ चुका है। दोनों दलों के कार्यकर्ता मुंबई समेत राज्य के कई हिस्सों में मिलकर काम करने लगे हैं। संजय राउत ने कहा कि सोमवार रात दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर अंतिम सहमति बन गई है।
संजय का कहना है कि अब केवल गठबंधन की औपचारिक घोषणा बाकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उद्धव-राज के बीच गठबंधन का ऐलान बुधवार दोपहर 12 बजे हो सकता है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) चुनावों के लिए शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच दादर, सेवरी, विक्रोली और भांडुप इलाकों में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। यहां दोनों को ही जनता का समर्थन है।
महाराष्ट्र में बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। वोटिंग 15 जनवरी को होनी है। काउंटिंग 16 जनवरी को होगी।
न्यूज एजेंसी PTI के सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने आगामी पुणे नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के साथ आने की संभावना पर बात की है। अजित ने रविवार रात कांग्रेस नेता सतेज पाटिल से फोन पर बात की और साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा। इस पर पाटिल ने कहा कि वे इस मुद्दे पर पहले अपनी पार्टी के नेताओं से चर्चा करेंगे, इसके बाद ही कोई फैसला लेंगे।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को आने वाले बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) चुनावों के लिए अपने स्टार कैंपेनर्स की लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में पार्टी के नेशनल और स्टेट लीडरशिप के 40 नेता शामिल हैं। AAP के नेशनल कन्वीनर अरविंद केजरीवाल इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं, उनके बाद सीनियर लीडर मनीष सिसोदिया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन और आतिशी हैं।
BMC चुनाव सिर्फ नगर निगम का नहीं, बल्कि मुंबई की सत्ता, दलों की विश्वसनीयता और आने वाले बड़े चुनावों की दिशा तय करने की लड़ाई है। इसलिए यह महायुति और महाविकास अघाड़ी के लिए साख का सवाल है।
74,000 करोड़ रुपए के बजट वाली एशिया की सबसे बड़ी सिविक बॉडी BMC पर बिना बंटे शिवसेना ने लगभग दो दशकों तक राज किया था। तब BJP उसकी सहयोगी थी।
मुंबई नगर निगम का बजट गोवा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के बजट से भी बड़ा है। यही कारण है कि भाजपा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, कांग्रेस, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यहां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।

