संसद के मानसून सत्र (Parliament Session 2021) की शुरुआत 19 जुलाई से हो रही है और इस सत्र के दौरान कांग्रेस टीएमसी (TMC) के साथ मिलकर मोदी सरकार (Modi Sarkar) की घेरेबंदी करने की कोशिश में जुटी हुई है। तृणमूल कांग्रेस के साथ मोर्चाबंदी करने के क्रम में लोकसभा (Lok Sabha) में कांग्रेस (Congress) के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी हटाने (Adhir Ranjan Chowdhury Replaced) की तैयारी है। अधीर रंजन चौधरी के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और टीएमसी दोनों से तल्ख रिश्ते रहे हैं और इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी नेताओं पर एक टिप्पणी की थी।
माना जा रहा है कि विपक्ष को एकजुट बनाए रखने के लिए कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी हुई है और इसकी कीमत चौधरी को चुकानी पड़ सकती है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता के रूप में राहुल गांधी का नाम चर्चाओं में तो जरूर है मगर राहुल गांधी को इस पद के लिए तैयार नहीं बताए जा रहे हैं। ऐसे में शशि थरूर और मनीष तिवारी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
ममता के धुर विरोधी हैं चौधरी
चौधरी लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के साथ ही पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धुर विरोधी माना जाता है और विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने ममता बनर्जी पर लगातार तीखे हमले बोले थे। हालांकि चौधरी ने अपनी ओर से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी मगर फिर भी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका था।