RSS प्रमुख मोहन भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र बताने वाले बयान पर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। इस संस्था के अध्यक्ष मौलाना साजिद राशिदी ने शनिवार को कहा, ‘भारत संविधान और कानून से चलेगा। गीता या कुरान से नहीं।’
भागवत ने पिछले एक हफ्ते में तीन से ज्यादा बार भारत को हिंदू राष्ट्र कहा। इस पर राशिदी ने कहा कि बार-बार हिंदू राष्ट्र का जिक्र करना बाकी धर्मों का अपमान है। आप कहते हैं कि पूरे देश में सबके लिए एक जैसा कानून होना चाहिए, ऐसे कानून पहले से मौजूद हैं। हम भारत में मुसलमानों, बौद्धों और सिखों के पर्सनल लॉ खत्म नहीं होने देंगे।
भागवत ने कहा था- 40 हजार साल से अखंड भारत का डीएनए एक
26 अगस्त: भागवत बोले- 40 हजार साल से अखंड भारत का डीएनए एक
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में कहा, “हिंदू राष्ट्र का मतलब किसी को बाहर करना नहीं है। इसका मतलब किसी का विरोध करना भी नहीं है। यह सांस्कृतिक एकता की बात है। हम सब, चाहे किसी भी धर्म के हों, एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। पिछले 40,000 वर्षों से हमारा डीएनए एक जैसा है ।”28 अगस्त: भागवत बोले- भारत पहले से हिंदू राष्ट्र
मोहन भागवत ने कहा था, “भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की ज़रूरत नहीं है। भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। ऋषियों ने यह सत्य बहुत पहले कह दिया था। इसे मानने से लाभ है, न मानने से कोई नुकसान नहीं। अखंड भारत कोई राजनीतिक योजना नहीं, यह हमारी सभ्यता की सच्चाई है। हमारी एकता किसी सत्ता पर नहीं, हमारी संस्कृति और चेतना पर आधारित है।”कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 28 अगस्त को कहा था, “भागवत पढ़े लिखे व्यक्ति हैं। पर लोगों को बेहकाने का काम करे रहे हैं। उनके बयान से देश में हिंदू मुस्लिम तनाव बढ़ता है। वो समझ गए हैं कि अब हिदूत्व के नाम पर वोट मांगना संभव नहीं है।”

