वहीं, सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाने की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस, डीएमके व कांग्रेस की तरफ से की जाएगी, जिसमें अन्य दल भी शामिल होंगे। इसके साथ ही विपक्ष ने दावा किया है कि उन्होंने पेगासस, वैक्सीन और अन्य कई मुद्दों पर सरकार के बयान के लिए नोटिस दिया है, लेकिन केंद्र ने “इसपर ध्यान नहीं दिया।”
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो गया था। लेकिन पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच तनातनी अभी भी जारी है। ऐसे में अगर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है, तो अगला सप्ताह भी काफी हंगामे के साथ गुजरेगा। टीएमसी से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर संसद नहीं चलने देने के आरोप लगाए हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक और सांसद शांतनु सेन को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि विपक्ष संसद चलने नहीं दे रहा है।
सत्र जल्दी खत्म करने की तैयारी में सरकार-
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेगासस मुद्दे पर जारी विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार मानसून सत्र को जल्दी खत्म कर सकती है। बीते शुक्रवार को भी लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस, डीएमके, वाम दलों, बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणी अकाली दल और टीएमसी के सांसदों ने सदन में काफी हंगामा किया था। सदन पहली बार सुबह 11:35 से लेकर दोपहर तक स्थगित किया गया। इसके बाद 12:15 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।