दूसरी और भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर राज्य की चन्नी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की अगुवाई में इस मामले को लेकर गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित से भी मुलाकात की। भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
पंजाब की छवि को लगा धक्का
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कैंपेन कमेटी के मुखिया सुनील जाखड़ पहले ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही पर सवाल उठा चुके हैं। उनका मानना है कि पंजाब पुलिस इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। अब राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत ने भी कहा है कि इस प्रकरण से पंजाब की छवि को धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे जिस भी पार्टी से जुड़े हुए हों मगर उनका अपमान स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मंत्री ने कहा कि रैली में लोग जुटे या नहीं जुटे, यह भाजपा का आंतरिक मुद्दा है मगर प्रधानमंत्री का रास्ता रोकना उचित नहीं था। राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को इस संबंध में मुकम्मल व्यवस्था करनी चाहिए थी और प्रधानमंत्री के लिए वैकल्पिक मार्ग भी तैयार रखा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस मामले में बरती गई लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक भी बुलाई जानी चाहिए ताकि इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा की जा सके।
मुख्यमंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग
फिरोजपुर के कांग्रेस विधायक परमिंदर पिंकी का भी मानना है कि प्रधानमंत्री के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार रखा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में डीजीपी को भी मौजूद रहना पड़ता है और इस मामले में डीजीपी की ओर से लापरवाही बरती गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में जांच करा कर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ एक पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया जाना चाहिए था।
गृह मंत्री-डीजीपी को बर्खास्त किया जाए
उधर भाजपा नेताओं ने भी इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमा दी है। पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने आज गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात करके राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग की। गवर्नर से मुलाकात के बाद शर्मा ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई लापरवाही को कांग्रेस प्रायोजित साजिश बताया।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और डीजीपी की क्लीयरेंस के बाद ही प्रधानमंत्री का काफिला उस रूट पर निकला था जहां उन्हें रोक लिया गया। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण से साफ़ हो गया है कि पंजाब सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा के प्रति तनिक भी गंभीर नहीं थी। इसीलिए राज्यपाल से मुलाकात करके राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग की गई है।