मंगलुरु में शनिवार को ऑटो में हुए धमाके के मामले में रोज नई परत खुल रही हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपी मोहम्मद शारिक कुकर बम लेकर ऑटो में पैंसेंजर बनकर बैठा था। उसका टारगेट शहर का भीड़-भाड़ वाला इलाका था। गनीमत रही कि बम ऑटो में ही फट गया और खुद शारिक इसका शिकार हाे गया। वह 40 फीसदी तक जल चुका है।
पुलिस के अनुसार आरोपी शारिक ने ऑटो में बैठते ही कहा कि उसे पंपवेल एरिया जाना है। ADGP ने कहा कि शारिक विस्फोटक को नगौरी में प्लांट करना चाहता था। लेकिन इससे पहले ही इसमें विस्फोट हो गया। फिलहाल पुलिस की देखरेख में ऑटो चालक और आरोपी शारिक का इलाज चल रहा है।
कर्नाटक के हेल्थ मिनिस्टर के सुधाकर ने बताया है कि वह ऑटो में हिंदू होने का दिखावा कर रहा था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। इसके लिए वह एक आधार कार्ड भी दिखा रहा था, जिस पर हिंदू नाम था। यह कार्ड उसने एक रेलवे कर्मचारी से चुराया था, जिसे पुलिस ने लौटा दिया है।
टेरर लिंक तलाश रही पुलिस
उन्होंने कहा कि हर एंगल की पड़ताल की जा रही है। हम यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या मोहम्मद शरीक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों, बैन किए गए संगठनों या स्लीपर सेल से जुड़ा हुआ है। हमारा राज्य केरल से लगा हुआ है, इसलिए स्लीपर सेल से जुड़े होने की आशंका बढ़ जाती है।
कोयंबटूर जाकर ब्लास्ट करने वालों से मिला था शरीक
के सुधाकर ने कहा कि कुछ महीने पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था। तब भी आतंकियों ने मंदिर के पास ब्लास्ट करने की साजिश की थी। मोहम्मद शरीक ने तब कोयंबटूर जाकर एक शख्स से मुलाकात की थी। पुलिस ने उसके दो महीने का मूवमेंट ट्रेस किया है।
पुलिस ने बताया कि शरीक ने कोयंबटूर से एक सिम कार्ड खरीदा था, जो उसके नाम पर नहीं था। इस सिम कार्ड के टावर की लोकेशन से पता चला कि वह पूरे तमिलनाडु में घूमा था। उसके कॉल लॉग की जांच कर तमिलनाडु में उसके साथियों का पता चलाने की कोशिश की जा रही है।
शरीक के मैसूर स्थित मकान पर पुलिस की रेड, बम बनाने का सामान और फेक ID बरामदमंगलुरु ब्लास्ट केस में रविवार को पुलिस फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी डिवीजन मैसूर के पास मदहल्ली में शरीक के घर पहुंची, जो उसने किराए पर लिया था। यहां से टीम को विस्फोटक बनाने का सामान मिला है। टीम को उसके घर से दो फर्जी आधार कार्ड, एक फर्जी PAN कार्ड और एक FINO डेबिट कार्ड मिला है।
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