गुजरात के वडोदरा में बोट हादसे की घटना में लेक का मेंटनेंस करने वाले 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया है। हरणी लेक का मुख्य ठेकेदार परेश शाह फरार है। वडोदरा पुलिस कमिश्नर ने हादसे की जांच के लिए SIT का गठन किया है। इसमें 7 पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
मामले में वडोदरा कॉर्पोरेशन में कार्यकारी अभियंता राजेश चौहान ने मेसर्स कोटिया प्रोजेक्ट के प्रबंधकों के खिलाफ भी FIR दर्ज करवाई है। शिकायत में कहा गया है कि हरणी लेक जोन में काम का वर्क ऑर्डर 2017 से मेसर्स कोटिया प्रोजेक्ट के पास है। प्रोजेक्ट में लेक में बोटिंग से लेकर भोजन-पेय, बैंक्वेट हॉल जैसी सभी सुविधाओं की जिम्मेदारी मेसर्स कोटिया के जिम्मे थी। इस तरह हादसे का जिम्मेदार मेसर्स कोटिया प्रोजेक्ट के प्रबंधक भी हैं।
उधर, FIR को लेकर पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। FIR में लेक का मेंटेनेंस करने वाले कोटिया प्रोजेक्ट्स के प्रबंधक बीनीत कोटिया और हितेश कोटिया का नाम दर्ज है। लेकिन FIR में पुलिस ने इनके बंगले का एड्रेस गलत लिखा है। FIR में दर्ज पते वाला नीलकंठ बंगला 2021 में ही बिक गया था। बंगले में कोई और रह रहा है। इनमें से आरोपी नंबर 2 हितेश कोटिया की कोरोना से मौत हो चुकी है।
गुरुवार (18 जनवरी) को वडोदरा के हरणी लेक में नाव पलट गई थी। इस पर स्कूली बच्चे और टीचर्स सवार थे। रेस्क्यू के दौरान 20 लोगों को निकाला गया, जिनमें 12 बच्चों और 2 टीचर्स की मौत हो गई। नाव में सवार बाकी 11 बच्चे और 2 टीचर को बचा लिया गया है। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।
वडोदरा के कलेक्टर एबी गोरे ने बताया कि 16 कैपेसिटी वाले नाव में 31 लोगों को बैठा लिया था। इसीलिए हादसा हुआ। हादसे का शिकार हुए सभी बच्चे वडोदरा के न्यू सनराइज स्कूल के हैं। सबकी उम्र 8 से 13 साल के बीच है।

