मुंबई पुलिस के मुताबिक 2008 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 23 अप्रैल को दिल्ली में NIA दफ्तर में आरोपी राणा से करीब 8 घंटे पूछताछ, जिसमें उसने घुमा-फिराकर जवाब दिए थे।
दिल्ली में NIA भी राणा से पूछताछ कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश जारी है कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने 26/11 हमले के लिए 3 साल से ज्यादा समय तक क्या तैयारी की और क्या योजना बनाई थी।
राणा से उन लोगों के बारे में भी सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनके नाम हमले के दौरान आतंकियों और उनके हैंडलर्स के बीच इंटरसेप्ट की गई बातचीत में सामने आए थे। इनमें अब्दुर रहमान हाशिम सईद, साजिद मजीद, इलियास कश्मीरी और जकी-उर-रहमान लखवी जैसे बड़े आतंकी शामिल हैं।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा को 28 अप्रैल तक 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार कर रही है। आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिसक्लोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा। यह केस डायरी का हिस्सा होता है।
राणा की परिवार वालों से बात करने की याचिका खारिज
25 अप्रैल को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने हिरासत में रहते हुए अपने परिवार से फोन पर बात करने की अनुमति मांगी थी।
राणा के वकील पियूष सचदेवा ने 22 अप्रैल को अदालत में दाखिल याचिका में कहा था एक विदेशी नागरिक होने के नाते उसे अपने परिवार से बात करने का मौलिक अधिकार है, लेकिन NIA ने इसका विरोध किया। कहा कि जांच चल रही है, राणा सेंसिटिव जानकारी लीक कर सकता है।
राणा ने साजिद मीर से संपर्क की बात कबूली थी
तहव्वुर राणा NIA को 13 अप्रैल को पूछताछ में बताया था कि वह ग्लोबल टेररिस्ट साजिद मीर से लगातार संपर्क में था, जो 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। पूछताछ में राणा ने ‘दुबई मैन’ का नाम लिया, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग पता थी।
एजेंसी को शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के बीच नेटवर्क संभालता था और हमलों की फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट में अहम भूमिका निभा रहा था। ये भी पता चला कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी करीबी संपर्क था और उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था।

