देश में 2027 में पहली बार जनगणना डिजिटली होगी। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग में इसके लिए 11,718.24 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इसके मुताबिक एक व्यक्ति की जनगणना पर सरकार के करीब 97 रुपए खर्च होंगे।
दरअसल 2011 की जनगणना में भारत की आबादी लगभग 121 करोड़ थी। अगर इसे आधार माना जाए तो 1 व्यक्ति की गणना करने में करीब 97 रुपए खर्चा (11,718.24 करोड़ रुपए/121 करोड़ आबादी) आएगा। अगर 150 करोड़ अनुमानित जनसंख्या मानी जाए तो प्रति व्यक्ति 78 रुपए खर्च होगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 30 लाख कर्मचारी डिजिटल जनगणना पूरी करेंगे। यह CaaS सॉफ्टवेयर से होगी। इसका डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जनगणना दो फेज में होगी। फेज-1 (अप्रैल–सितंबर 2026) में घरों की लिस्टिंग और गिनती होगी। फेज-2 (फरवरी 2027) में आबादी की गिनती होगी।
इसके अलावा कैबिनेट ने CoalSETU विंडो को मंजूरी दी है। इसके तहत अलग-अलग इंडस्ट्रियल इस्तेमाल और एक्सपोर्ट के लिए कोल लिंकेज की नीलामी, सही पहुंच और रिसोर्स का सबसे अच्छा इस्तेमाल पक्का करना है।
सरकार ने 2026 सीजन के लिए कोपरा के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को मंजूरी दी। 2026 सीजन के लिए फेयर एवरेज क्वालिटी मिलिंग कोपरा के लिए MSP 12,027 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,500 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
2026 सीजन के लिए MSP में पिछले सीजन के मुकाबले मिलिंग कोपरा के लिए 445 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2014 के लिए मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा के लिए MSP को 5,250 रुपए प्रति क्विंटल और 5,500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाए हैं।
केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की लिमिट 100% करने का बिल पास कर दिया है। पहले यह 74% था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने गुरुवार को इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल को मंजूरी दी। अब विदेशी कंपनियां पूरी तरह भारतीय इंश्योरेंस फर्म्स की मालिक बन सकेंगी। बिल विंटर सेशन में पेश होगा, जो 19 दिसंबर को खत्म हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें 4 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 9858 करोड़ रुपए से पुणे मेट्रो का विस्तार किया जाएगा।
वहीं रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट बनाने वाली इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए 7280 करोड़ रुपए की योजना लाई गई है। ये मैग्नेट इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV), डिफेंस, एयरोस्पेस और इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने में जरूरी होते हैं।
इसके अलावा, अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने गुजरात की द्वारका-कनालूस रेलवे लाइन और महाराष्ट्र की कर्जत-बदलापुर रेलवे लाइन को डबल करने की मंजूरी दी है। यानी रेल लाइनों पर और ट्रैक बनाए जाएंगे।

