केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि अगर किसी दल का नेता बहस या चर्चा में रुचि नहीं रखता और सिर्फ राजनीतिक ड्रामा करना चाहता है तो विपक्ष का नुकसान हो रहा है, सरकार का नहीं।
रिजिजू बोले- सांसद जनता की आवाज उठाने आए हैं
संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू शनिवार (30 अगस्त) को बेंगलुरु में ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली’ विषय पर वकीलों के संगठन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं युवा सांसदों से कहता हूं कि जब आपका नेता आपको संसद में हंगामा करने के लिए कहे तो उसका विरोध करें। आप संसद में जनता की आवाज उठाने के लिए आए हैं, न कि केवल हंगामा करने के लिए।’
विपक्षी सांसदों ने स्पीकर की चेयर की तरफ कागज फेंके थे
संसद में 12 अगस्त को दोनों सदनों में बिहार SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा और राज्यसभा स्थगित कर दी गई। शाम 4:30 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा।
विपक्षी सांसदों ने कागज फाड़कर स्पीकर की कुर्सी की ओर फेंके। इस दौरान भाजपा सांसद जगदंबिका पाल सदन की कार्यवाही चला रहे थे। उन्होंने कहा- उपनेता (विपक्ष) की ओर से इशारा किया गया। इसके बाद कागज फाड़कर चेयर की ओर फेंके गए।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- आपने सदन की गरिमा गिराई है। देश आपको माफ नहीं करेगा। आपके क्षेत्र के लोग आपसे दुखी होंगे।
वोटर वेरिफिकेशन और चुनाव में वोट चोरी के आरोप पर विपक्ष के 300 सांसदों ने 11 अगस्त को संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। पुलिस उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई, जहां से 2 घंटे बाद रिहा कर दिया गया।
हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल ने कहा कि यह संविधान बचाने की लड़ाई है। ये एक व्यक्ति-एक वोट की लड़ाई है, इसलिए हमें साफ वोटर लिस्ट चाहिए। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि यह सरकार डरी हुई है और कायर है।
मार्च के दौरान अखिलेश ने बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़ने की कोशिश की। जब सांसदों को आगे नहीं जाने दिया गया तो वे जमीन पर बैठ गए। प्रियंका, डिंपल समेत कई सांसद ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाते दिखे।

