Mumbai/Atulya Loktantra News: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में एम्स की रिपोर्ट में हत्या की आशंका खारिज होने के बाद शिवसेना ने कहा कि मुंबई पुलिस को बदनाम करने वाले राजनेता और न्यूज चैनलों को माफी मांगनी चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, आखिरकार सच की जीत हुई।
सुशांत की मौत का इस्तेमाल महाराष्ट्र की छवि को धूमिल करने किया गया। महाराष्ट्र सरकार को इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ मानहानि का केस करना चाहिए। पिछले हफ्ते एम्स की रिपोर्ट में सुशांत की मौत को आत्महत्या बताया गया था।
एम्स की रिपोर्ट के बाद पार्टी ने राजनेताओं और न्यूज चैनलों पर साधा निशाना
शिवसेना ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, क्या अब अंधभक्त एम्स की रिपोर्ट को खारिज करेंगे? सुशांत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को 110 दिन हो गए, लेकिन कुछ नेता और न्यूज चैनलों ने मुंबई पुलिस का अपमान किया, उसकी जांच पर सवाल उठाए। उन्हें महाराष्ट्र सरकार से माफी मांगनी चाहिए। ऐसे लोगों ने सीबीआई जांच पर कोई सवाल नहीं उठाया। बीते 40 से 45 दिन में सीबीआई ने क्या किया। राजपूत मामले में मुंबई को पीओके बताने वाली अभिनेत्री भी अब दिखाई नहीं दे रही।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, केस की शुरुआत से ही महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बदनाम करने की साजिश रची गई। अगर अब सीबीआई की जांच पर भी विश्वास नहीं किया गया तो हम कुछ नहीं कह सकते। एम्स फोरेंसिक मेडिकल बोर्ड के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता का शिवसेना से कोई संबंध नहीं है।
एम्स की रिपोर्ट पर हैरानी नहीं: पुलिस कमिश्नर
वहीं, मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा कि हमें एम्स की रिपोर्ट पर कोई हैरानी नहीं है। कूपर अस्पताल की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में यही कहा था। एडीआर जांच पूरी होने में आमतौर पर तीन से छह महीने का समय लगता है। कभी कभी एक से दो साल तक लग जता हैं, लिहाजा हमारी जांच में देरी नहीं हुई थी। हमने पूरी ईमानदारी और पेशेवर तरीके से जांच की थी।
कूपर अस्पताल के डॉक्टरों ने भी पेशेवर तरीके से अपनी रिपोर्ट बनाई थी, जिसमें मौत का कारण स्पष्ट था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बिहार में दर्ज एफआईआर सीबीआई को सौंप दी गई। हमने सारे सबूत और दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिये हैं और मुझे भरोसा है कि वह भी बेहद पेशेवर तरीके से जांच कर रहे हैं।