New Delhi/Atulya Loktantra News: नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफार्म को सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने के बाद इन पर हिंसा व नग्नता पर लगाम लगेगी।
दरअसल, डिजिटल मीडिया पर नियंत्रण के लिए अब तक कोई स्वायत्त संस्था नहीं थी, इसलिए ओटीटी पर अत्यधिक हिंसा से लेकर नग्नता तक सब कुछ परोसा जा रहा था। इसे लेकर कई बार हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई थी।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी प्लेटफार्म पर नियमन की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को नोटिस भेजा था।
याचिका में कहा गया था कि इन ओटीटी प्लेटफार्म के जरिये फिल्म मेकर्स व कलाकारों को सेंसर बोर्ड के डर व प्रमाणपत्र के लिए अपना कंटेंट रिलीज करने का मौका मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में डिजिटल मीडिया पर नियंत्रण टीवी से ज्यादा जरूरी होने की वकालत की थी। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
सरकार का कहना है कि प्रिंट के नियमन के लिए प्रेस काउंसिल है, न्यूज चैनलों के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन, विज्ञापन के लिए एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया है तो फिल्मों के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन है। लेकिन डिजिटल माध्यम पर नियमन को लेकर कोई स्वायत्त एजेंसी नहीं थी।
बता दें कि ओटीटी प्लेटफार्म में द वायर, द प्रिंट और स्क्रॉल जैसी समाचार वाली वेबसाइट के अलावा हॉटस्टार, वूट, नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, सोनी लिव और जी5 जैसे मनोरंजन वाले ऐप भी आते हैं।
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