दिल्ली/अतुल्यलोकतंत्र : आम बजट-2019 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के टॉप अर्थशास्त्रियों के साथ अहम बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में नौकरी, गिरती जीडीपी, मॉनसून, सुखे के हालात जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट पेश करने वाली हैं, इस लिहाज से पीएम नरेंद्र मोदी की ये मीटिंग काफी अहम हैं.
अर्थशास्त्रियों के साथ पीएम की मीटिंग का असर बजट में देखने को मिल सकता है. बता दें कि शनिवार को ही हलवा सेरेमनी के साथ बजट प्रिंटिंग की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है. बैठक में जाने-माने अर्थशास्त्री प्रजेंटेशन के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी के सामने इकोनॉमी की मौजूदा हालत तो बता ही रहे हैं, साथ ही हालात सुधारने का एजेंडा भी बता रहे हैं. दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ संभालने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को देश की खस्ता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का जिम्मा है. इस बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी पांच सचिव और नीति आयोग के अधिकारी भी शामिल हैं.
देश की जीडीपी पांच साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर 2018-19 में 6.8 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है.हालांकि महंगाई दर अभी भी नियंत्रण में हैं, लेकिन आर्थिक विकास गोते लगा रहा है. जनवरी-मार्च की तिमाही में विकास दर 5 साल के न्यूनतम स्तर पर जाकर 5.8 पर पहुंच गया है. इसकी वजह कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का निराशाजनक प्रदर्शन रहा है. लिहाजा प्रधानमंत्री और उनकी टीम की मुख्य चुनौती मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाना और किसानों की आय बढ़ाना है. हालांकि मॉनसून की बेरुखी ने अर्थशास्त्रियों का चिंता और भी बढ़ा दी है.
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