New Delhi/Atulya Loktantra : लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसके समर्थक चुनाव प्रचार के दौरान सेना का लगातार जिक्र करते हुए उनका राजनीतिक करने और चुनाव में फायदा लेने की फिराक में हैं. इस संबंध में कई विपक्षी दलों की ओर से लगातार आरोप भी लगाए गए हैं और अब पूर्व सेना प्रमुख एसएफ रोड्रिग्स और शंकर राय चौधरी समेत 156 पूर्व सैन्य अफसरों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सेना के राजनीतिक करने का विरोध जताया और कहा कि सेना देश की है किसी पार्टी की नहीं.
राष्ट्रपति को पत्र लिखने वालों में पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स, पूर्व जनरल शंकर राय चौधरी, पूर्व जनरल दीपक कपूर और पूर्व वायुसेना प्रमुख एनसी सूरी शामिल हैं. राष्ट्रपति को लिखे पत्र में पूर्व सैन्य अफसरों ने शिकायत की है कि सेना देश की है किसी पार्टी की नहीं. पत्र में नेताओं की ओर से सैन्य पराक्रम का श्रेय लेने का विरोध जताया गया है. पत्र लिखने वालों में 8 पूर्व चीफ आफ स्टॉफ के नाम शामिल हैं.
इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भारतीय सेना को मोदी की सेना बताए जाने के बाद विवाद बढ़ गया था. बढ़ते विवाद के बीच भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एल. रामदास ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनावी भाषणों में सेना के दुरुपयोग पर चिंता जताई गई. पत्र के जरिए इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने की मांग की गई. चुनाव आयोग को लिखे पत्र में पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास ने यह भी कहा कि कई और सैन्य अफसरों ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया है. योगी के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने भी रिपोर्ट मंगाई थी.
पूर्व सैन्य अफसरों की ओर से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखे जाने पर कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए बीजेपी पर इसके लिए निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी वोट के लिए सैनिकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन सैनिकों का स्टैंड साफ है कि वो भारत के साथ हैं न कि बीजेपी के.
पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने आयोग को लिखे पत्र में कहा कि इसलिए हम चुनाव आयोग से आग्रह करते हैं कि वह तुरंत इस मामले में दखल दे और चुनाव में सेना की तस्वीर या उससे जुड़ी कोई तस्वीर का दुरुपयोग रोके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बताया था. इसके बाद से ही इस पर विवाद हो रहा है.
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