हरियाणा : जुलाना हल्के के राजनीतिक समीकरण बदलने में प्रभावी है लाठर परिवार

Deepak Sharma

जींद/अतुल्यलोकतंत्र : हरियाणा में चुनावों का मौसम शुरू हो चुका है और राजनीति का गुना- भाग चालू हो चुका है । इसी तरह से अगर बात की जाए हरियाणा के जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट की तो यहाँ मौजूदा इनेलो के विधायक परमेन्द्र ढुल भाजपा का दामन थाम चुके हैं और कांग्रेस पार्टी से भी बहुत से नेता जुलाना से टिकट की चाह में है।

जुलाना हल्के की राजनीति में लाठर परिवार को अहम माना जाता है , पिछले दिसम्बर,2018 में पूर्व मंत्री चौधरी सत्यनारायण लाठर का एक सड़क दुर्घटना में स्वर्गवास हो गया था । लाठर साहब का जुलाना में अपना एक अहम रुतबा था, क्योकि उनकी सादगी और मिलनसारी के स्वभाव ने जनता को मोह रखा था , वो हरियाणा सरकार में चेयरमैन रहे, हविपा के जिलाध्यक्ष रहे, सरकार में मंत्री रहे और विधायक रहे लेकिन आज तक घमण्ड नाम की कोई चीज उनमे नही थी, उनके इसी व्यवहार के कारण उनके चले जाने के बाद भी उनके कार्यकर्ताओं की फौज ज्यों की त्यों खड़ी है। बात अगर इनके परिवार की करी जाए तो इनका पौता मोहित लाठर भी अपने दादा जी की तरह खरा उतर रहा है, सभी के सुख-दुख में जाता है सभी को पूरा मान सम्मान देता है और 19 वर्ष की उम्र में अभी से ही मोहित लाठर अपने जुलाना हल्के की जनता के बीच मे सक्रिय है  ।

मोहित की अभी चुनाव लड़ने की उम्र न होने के कारण इस बार लाठर परिवार चुनावी मैदान में तो नही उतर पायेगा लेकिन जुलाना से जीत और हार के गुणाभाग में लाठर परिवार का पूरा हाथ रहेगा | अभी  पिछले दिनों ही मोहित ने जुलाना में अपने आवास पर अपने खासम-खास कार्यकर्ताओ की एक बैठक की थी और इस बैठक में उम्मीद से ज्यादा हाजिरी ने दिखा दिया था कि लोग चौधरी साहब को भूले नही हैं।

लाठर परिवार को हुड्डा परिवार का नजदीकी माना जाता है। चौधरी साहब की इतनी लोकप्रियता के कारण , जुलाना में चौधरी साहब के द्वारा हल्के में करवाये गए 286 करोड़ के विकास कार्यो के बलबूते पर और उनके समर्थकों की इतनी बड़ी फ़ौज होने के कारण अभी से जुलाना स्थित उनके आवास पर अभी से ही दूसरे दलों से भी बड़े-बड़े नेताओं का आवागमन शुरू हो चुका है। इसीलिए जुलाना हल्के में इस चुनाव में हार-जीत में लाठर परिवार की अहम भूमिका रहने वाली हैं।

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