मणिपुर में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी उग्रवादियों के लिए न्याय की मांग करते हुए कुकी समुदाय लगातार प्रदर्शन कर रहा है। मंगलवार को भी जिरिबाम और चुराचांदपुर जिले में सैकड़ों लोगों ने 10 खाली ताबूत लेकर मार्च निकाला।
मणिपुर पुलिस के अनुसार, पिछले हफ्ते जिरिबाम के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के जकुराधोर में CRPF कैंप पर वर्दीधारी उग्रवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दस संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। हालांकि कुकी समुदाय का कहना है कि वे लोग विलेज वॉलंटियर्स थे।
यह रैली ज्वाइंट फिलैंथ्रोपिक ऑर्गनाइजेशन (JPO) ने आयोजित की थी। सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई इस रैली में सैकड़ों लोग हाथों में पोस्टर लिए शामिल हुए। इन पोस्टर्स पर मारे गए लोगों के लिए न्याय और पहाड़ी क्षेत्रों में अलग प्रशासन की मांग की गई थी।
इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी को अपनी जिद छोड़कर मणिपुर जाना चाहिए। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा- मणिपुर की समस्या से निजात पाने के लिए 5 हजार जवानों को भेजना हल नहीं है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को तुरंत हटाना चाहिए। कुकी, मैतेई और नगा एक राज्य में रह सकते हैं, बशर्ते उन्हें क्षेत्रीय स्वायत्तता (Regional Autonomy) दी जाए।
मणिपुर सरकार का प्रस्ताव पास- कुकी उग्रवादियों पर कार्रवाई हो
सोमवार को सत्ताधारी NDA और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के 27 विधायकों की मीटिंग हुई। इसमें प्रस्ताव (रेजोल्यूशन) पास हुआ कि 7 दिन में कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाए। यह भी कहा कि जिरीबाम में 6 महिलाओं-बच्चों की मौत के लिए कुकी आतंकी ही जिम्मेदार हैं।
मीटिंग में तय हुआ कि केंद्र, राज्य में लागू AFSPA का रिव्यू करेगा। राज्य सरकार ने AFSPA लागू करने का ऑर्डर 14 नवंबर को जारी किया था। जिरिबाम में 6 मैतेई महिलाओं-बच्चों और बिष्णुपुर में एक मैतेई महिला की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।
मणिपुर के कई जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद
मणिपुर के 9 में से 7 जिलों में हिंसा का असर है। मणिपुर सरकार ने 7 जिलों इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, काकचिंग, कांगपोकपी, थौबल और चुराचांदपुर में इंटरनेट-मोबाइल सर्विस लगा बैन 20 नवंबर बढ़ा दिया।
सभी 7 जिलों में स्कूल-कॉलेज और दूसरी संस्थाएं 20 नवंबर तक बंद रखने के आदेश दिए हैं। सुरक्षाबलों सड़कों पर गश्त कर रहे हैं। सीएम बीरेन सिंह के आवास और राजभवन की सुरक्षा और बढ़ाई गई है। सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) की अतिरिक्त 50 कंपनियां (5 हजार जवान) मणिपुर भेजने का फैसला किया गया है।
मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान…
- जयराम रमेश बोले- मणिपुर में NDA के पास अब बहुमत नहीं
इस बैठक को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कल रात मुख्यमंत्री ने इंफाल में सभी NDA विधायकों एक बैठक बुलाई थी। बैठक में NDA के केवल 26 विधायक पहुंचे थे, 18 नहीं पहुंचे। यानी मुख्यमंत्री सहित 27 विधायक वहां थे। बाद में पता चला कि उनमें से 3 विधायकों के जाली हस्ताक्षर किए गए थे, क्योंकि वे वहां नहीं थे। ऐसे में हमारा मानना है कि वहां केवल 24 विधायक थे।
जयराम ने आगे कहा कि मणिपुर विधानसभा में 60 विधायक हैं। इसलिए, सब कुछ स्पष्ट है… क्या मणिपुर के असली सूत्रधार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दीवार पर लिखी इस बात को पढ़ रहे हैं? NDA के एक सहयोगी दल के अध्यक्ष ने भाजपा अध्यक्ष को पत्र लिखा कि वे समर्थन वापस ले रहे हैं। उस पार्टी NPP के पास 7 विधायक हैं।

