कन्याकुमारी / प्राक़तिक सौंदर्य से भरपुर प्रशांत हिंद महासागर से घिरे भारत के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में गोपाल किरण समाजसेवी संस्था द्वारा डॉ.अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय भव्य सेमिनार वाय एमसीए कन्याकुमारी ,में एसोसिएशन फॉर म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित किया जिसमें पुस्तक लोकार्पण ,कविता पाठ एवं शोध प्रबंध पर व्याख्यान हुए जो अत्यंत महत्वपूर्ण एवं रुचि कर रहे। जिसका उद्घाटन श्री सूर्यकांत शर्मा सीनियर कंसलटेंट (AMFI) द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. एम. आर. रायपुरिया ‘आदर्श’ प्राचार्य
साहित्यकार, सामाजिक चिंतक
तथा विकास दत्तू गवई,राष्ट्रीय अध्यक्ष इतिहास विभाग डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्मापिठ औरंगाबाद, बी. यदु, (धमतरी), जे. नागराज, डॉ. शेख बेनजीर,विभागाध्यक्ष, हिंदी, चित्तूर, हरिलाल डेगल, (एडवोकेट), जिला एवं सत्र न्यायालय, दंतेवाड़ा, डॉ. रविंद्र सिंह नाग,सहायक मेडिकल ऑफिसर, आदित्य प्रताप सिंह, चेन्नई ,डॉ.जे.नागराज एसोसिएट प्रोफेसर, तमिलनाडु, डीआर डॉ.आर.श्रीदेवी, मंजूनाथ नीलप्रा, उत्तर कन्नड़, डॉ.एल.पी.लमानी, कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़, आदि थे। कार्यक्रम का आरंभ अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से आरंभ किया गया।
डा.एल.पी.लमानी जी ने अंबेडकर जी के जीवन के संघर्षों पर प्रकाश अपने प्रभावी वक्तव्य से डाला। डॉ. एम.आर. रायपुरिया “आदर्श “जी ने अपने अनुभव के आधार पर अंबेडकर जी के ऊपर अपने बहुमुखी विचार रखें । आपने उनके ऊपर एक फिल्म भी बनाई है जिसका ट्रेलर अभी रिलीज हुआ है। डॉ. बी.लक्ष्मी ने बहुभाषी कविताएं अपने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत करी दो-दो पंक्तियों में । इसी क्रम में डॉ.जे नागराजन ने तमिलनाडु में कर रहे अपने विभिन्न विशिष्ट कार्यों के बारे में बताया और हो रही परेशानियां रखी और बताया फिर भी वह अपने कार्य में लगे हुए हैं डॉ. अंबेडकर से हमें प्रेरणा लेना चाहिए।
डॉ. उद्धव पटेल ने चिकित्सा क्षेत्र में रहते हुए अपने विद्यालय में साथ पढ़े हुए अपने एलमनाई साथियों को जोड़कर समूह बनाकर अनोखी पहल कर रहे है । साथ ही एक रोचक कहानी सुनाई जिसका सार घुमंतू था । उपस्थित सभी अतिथियो सभी अतिथियों एवं विद्वान जनों ने अपने_ अपने विचार साझा करते हुए कहा कि बाबासाहेब, यदि आप न होते तो आज हम कहां होते, कल्पना करना ही भयावह लगता है। भगवान को किसी ने नहीं देखा है, लेकिन यदि भगवान होता होगा तो स्वरूप हमारे भीमराव अम्बेडकर जैसा होगा।
श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने कहा है जब तक देश में जातिवाद की समाप्ति नहीं होगी तब तक विषमताएं रहेगी जरूरी है इस पर कानून बनाया जाए। जिससे समानता आ सके।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया वे अंत तक मंचासीन रहे। डॉ. महिमा सिंह ने अपनी एकल काव्य पुस्तक भावमीहिका में से “तीन प का जाल” नामक कविता का काव्य पाठ किया जिसे सभी ने सराहा । डॉ. सुधांशु कुमार चक्रवर्ती ने एकांकी हिन्दी नाटक “सत्ता ” पर एकल अभिनय प्रस्तुत किया।
बी.यदु ने सावित्री बाई फुले पर एकल नाटक प्रस्तुत किया जो की बहुत ही प्रभावशाली रहा उनकी अभिनय शैली भी बहुत ही उत्कृष्ट रही।
भोजन काल के उपरांत इस समारोह मे प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु अनेक सुधीजनों को ग्लोबल टॉप 50 के तहत
इंटरनेशनल सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ. बी. आर. अंबेडकर आइकॉन अचीवर्स अवॉर्ड,सावित्रीबाई फुले ग्लोबल डायमंड डिग्निटी अचीवर्स अवॉर्ड,ग्लोबल आइकॉन इक्वलिटी लिटरेरी अचीवर्स अवॉर्ड,ग्लोबल आइकॉन इक्वलिटी लिटरेरी अचीवर्स अवॉर्ड,विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में देश भर से आए समाजसेवी,शिक्षाविद्, विचारक ,साहित्यकार आदि सम्मानित किये गए ।
कार्यक्रम श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में के.सी. मीणा (IFS) के संरक्षण में माया एस एच के मार्गदर्शन में किया गया।

