अलावलपुर में किसान बागवानी की खेती कर कमा रहे हैं अधिक मुनाफा

Palwal/Atulya Loktantra : पलवल जिला के गांव अलावलपुर में किसान केले की खेती कर रहे है। किसानों ने बताया कि परम्परागत खेती की बजाय बागवानी की खेती अधिक मुनाफा देती है। इसलिए किसानों ने धान व ईख की खेती करने की बजाय केले की खेती करने का मन बना लिया है। केले की खेती को देखकर दूसरे किसान भी केले की खेती करने की ओर प्रभावित हो रहे है। जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि किसानों को बागवानी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

अलावलपुर के किसान संतराज ने बताया कि 4 एकड़ में केले की फसल लगाई हुई है। उन्होंने केले के जी 9 वैराईटी के हाईब्रिड पौधे लगाए हुए है। जो जल गांव महाराष्टï से जैन इग्रीकल्चर फर्म से मंगवाऐं है। उन्होंने बताया कि लगभग 8400 केले के पौधों की रोपाई की गई है। प्रति एकड़ एक लाख रूपए खर्च आया है। पौधों की रोपाई के 7 से 8 महीने के बाद फूल आना शुरू हो जाता है और एक साल में फसल पूरी तरह से तैयार हो जाती है। पौधे में फल लगने के बाद प्रति एकड़ 5 लाख से अधिक का मुनाफा किसान को हो जाता है।

उन्होंने बताया कि केले की रोपाई के लिए जून-जुलाई सटीक समय है। सेहतमंद पौधों की रोपाई के लिए किसानों को पहले से तैयारी करनी चाहिए। जैसे गड्ढ़ों को जून में ही खोदकर उसमें कंपोस्ट खाद (सड़ी गोबर वाली खाद) भर दें। जड़ के रोगों से निपटने के लिए पौधे वाले गड्ढे में ही नीम की खाद डालें। केचुआ खाद अगर किसान डाल पाएं तो उसका अलग ही असर दिखता है। उन्होंने बताया कि केला लंबी अवधि का पौधा है। इसलिए जरुरी है सिंचाई का उचित प्रबंध हो। केले को पौधों को कतार में इन्हें लगाते वक्त हवा और सूर्य की रोशनी का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए ।

उन्होंने बताया कि किसान केले में मल्चिंग करवा रहे है, इससे निराई गुड़ाई से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन जो किसान सीधे खेत में रोपाई करवा रहे हैं, उनके लिए जरुरी है कि रोपाई के 4-5 महीने बाद हर 2 से 3 माह में गुड़ाई कराते रहे। पौधे तैयार होने लगें तो उन पर मिट्टी जरुर चढ़ाई जाए।

किसान चंद ने बताया कि उनके पड़ोसी किसान संतराज ने केले की फसल लगाई हुई है जिससे प्रभावित होते हुए उन्होंने भी 2 एकड़ में केले की फसल लगाई है। केले की फसल को देखकर काफी उत्साहित है। उन्होंने बताया कि गेहूं,धान की फसल की बजाय किसान केले की खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते है। केले की खेती की तरफ लगातार किसानों का रूझान बढ़ता जा रहा है। किसानों ने बताया कि अन्य फसलों के मुकाबले केले की खेती करने के लिए किसानों को जागरूक कर रहे है।जिला बागवानी अधिकारी डा. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि केला की खेती मुनाफा देने वाली फसल है। पलवल जिले के कई गांवों में केले की खेती की जा रही है, जिनमें गांव अलावलपुर,खांबी व चांदहट शामिल है। बागवानी विभाग हरियाणा द्वारा पलवल जिले में 25 एकड़ भूमि में केले की खेती करने का टारगेट दिया हुआ है जिसमें से 20 एकड़ भूमि में केले की फसल लगाई जा चुकी है। विभाग द्वारा केले की खेती करने पर किसानों को 50 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जा रहा है। उन्होनें बताया कि केले के पौधे लगाने पर प्रथम चरण में 37 हजार 500 रूपए तथा पौधों की देखभाल के लिए 12 हजार 500 रूपए प्रदान किए जाएगें। उन्होंने बताया कि जो किसान केला की फसल लगाना चहाते है, पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवाऐं। ताकि पता लगाया जा सके कि भूमि में पर्याप्त पोषक तत्व मौजूद है। केला की फसल लगाने से पहले भूमि का उपचार करें। गोबर की खाद का फसल में प्रयोग करें। खेत में जलभराव ना हो इसके लिए पानी निकासी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। खेत का चुनाव करते समय यह भी ध्यान में रखें कि हवा का आवागमन बेहत्तर होनी चाहिए। इसलिए केला के पौधे लाइन में लगाऐं।

Deepak Sharma
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