New Delhi/Atulya Loktantra: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संचालित स्कूलों में एक मार्च से शुरू होने वाले प्रैक्टिकल को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पिछले साल की ही तरह प्रैक्टिकल स्वकेंद्र पर होगा। बोर्ड ने प्रैक्टिकल का केंद्र दूसरे स्कूल में भेजने को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।
जानकारों की मानें तो कोरोना संकट की वजह से स्वकेंद्र की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। सीबीएसई की ओर से बोर्ड परीक्षाओं की ही तरह प्रैक्टिकल की परीक्षाओं का केंद्र भी बनाए जाने पर मंथन पिछले वर्ष से ही चल रहा है। इसे लागू किए जाने की तैयारियां भी शुरू हो गई थीं, मगर प्रैक्टिकल से पूर्व बोर्ड ने बच्चों को राहत देते हुए स्वकेंद्र पर ही प्रैक्टिकल को मंजूरी दी थी। तब ये उम्मीद की जा रही थी कि अगले सत्र से इसे लागू किया जा सकता है। मगर कोरोना संकट के चलते अभी तक बोर्ड ने प्रैक्टिकल के लिए केंद्र बनाने का कोई फैसला नहीं लिया है। स्कूल प्रबंधन स्वकेंद्र प्रणाली के मुताबिक ही तैयारियों में जुटे हैं।
25-30 दिनों तक चलेगा प्रैक्टिकल
कोरोना संकट के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का शत प्रतिशत पालन होगा। स्कूल के लैब की क्षमता के मुताबिक 50 फीसदी बच्चों के साथ ही प्रैक्टिकल होगा। यानी पूर्व में जो प्रैक्टिकल अधिकतम एक सप्ताह में खत्म हो जाते थे वो इस बार 25-30 दिनों तक चलेंगे।
ग्रुप फोटो में साफ चेहरा आना अनिवार्य
बोर्ड ने भी स्कूलों को निर्देशित किया है कि बोर्ड की वेबसाइट पर स्कूल की आईडी से जो फोटो भेजें उसमें सभी के चेहरे साफ होने चाहिए। स्कूल की लैब में खिंची फोटो स्पष्ट दिखनी चाहिए। सॉफ्टवेयर से यह तय किया जाएगा की फोटो जियोटैग और टाइमटैग है। अन्य सूचनाएं जैसे बैच नंबर, बैच की संख्या दिन और समय आदि लिंक पर साझा करनी होगी। बाह्य परीक्षक प्रैक्टिकल से एक दिन पहले लैबोरेट्री का निरीक्षण करेंगे और यदि कोई कमी है तो प्रधानाचार्य से संपर्क कर उसे दूर कराएंगे।
आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य विशाल त्रिपाठी ने कहा कि प्रैक्टिकल स्वकेंद्र होगा या इसका केंद्र बदला जाएगा। इसे लेकर बोर्ड ने फिलहाल कोई दिशा निर्देश नहीं दिया है। स्वकेंद्र प्रणाली के आधार पर ही प्रैक्टिकल को कराने की तैयारी की जा रही है।