New Delhi/Atulya Loktantra: इस बार पितृपक्ष 1 सितंबर से शुरू हो रहा है और 17 सिंतबर तक रहेगा। श्राद्ध के इन दिनों में लोग श्राद्ध कर्म करते हैं। लोग अपने -अपने पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान करते हैं। आश्विन कृष्ण पक्ष का 15 दिन का समय पितृपक्ष कहा जाता है। इन दिनों को खास पितरों को याद किया जाता है।
इस प्रकार अपने मृत पूर्वजों अर्थात पितरों को संतुष्ट करने के लिए किया जाने वाला पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान जो श्रद्धा के साथ किया जाए वह श्राद्ध है। आपको बता दें कि इस साल लोग गया जी जाकर पिंडदान नहीं कर सकेंगे। दरअसल इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण पितृपक्ष मेला 2020 नहीं लगेगा।
दऱअसल इस साल दो सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला था। लेकिन, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पहले ही बिहार सरकार ने छह सितंबर तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। भूमि राजस्व विभाग ने अपनी कोविड-19 के कारण पितृपक्ष मेला में आने वाले पिंडदानियों द्वारा सामाजिक दूरी के अनुपालन में होने वाली कठिनाइयों और संभावित संक्रमण को देखते हुए जनहित में पितृपक्ष मेला 2020 को स्थगित किया गया है।
पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) 1 सितंबर 2020
दूसरा श्राद्ध 2 सितंबर
तीसरा श्राद्ध 3 सितंबर
चौथा श्राद्ध 4 सितंबर
पांचवा श्राद्ध 5 सितंबर
छठा श्राद्ध 6 सितंबर
सांतवा श्राद्ध 7 सितंबर
आंठवा श्राद्ध 8 सितंबर
नवां श्राद्ध 9 सितंबर
दसवां श्राद्ध 10 सितंबर
ग्यारहवां श्राद्ध 11 सितंबर
बारहवां श्राद्ध 12 सितंबर
तेरहवां श्राद्ध 13 सितंबर
चौदहवां श्राद्ध 14 सितंबर
पंद्रहवां श्राद्ध 15 सितंबर
सौलवां श्राद्ध 16 सितंबर
सत्रहवां श्राद्ध 17 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या).