आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि युद्ध के दौरान जमीन पर कब्जा ही भारत में जीत की असली ‘करेंसी’ या पैमाना है। इस वजह से थल सेना की भूमिका हमेशा सबसे अहम रहेगी।
जनरल द्विवेदी दिल्ली में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा-
आर्मी चीफ की यह टिप्पणी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बयान के दो हफ्ते बाद आई है, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए हवाई शक्ति की अहमियत बताई थी।
इधर, सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा- कुछ लोगों ने कहा कि ये तो चार दिन का टेस्ट मैच था। लेकिन आप युद्ध के बारे में पहले से कुछ नहीं कह सकते। हमें कोई अंदाजा नहीं था ऑपरेशन कितने दिन चलेगा। युद्ध हमेशा अनिश्चित होता है। जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि ये इतना लंबा चलेगा। ईरान-इराक युद्ध लगभग 10 साल चला।
- भारत के सामने ढाई मोर्चों की चुनौती- जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत के सामने ढाई मोर्चों की चुनौती है, ऐसे में थल सेना का दबदबा बनाए रखना जरूरी है। युद्ध की प्रकृति लगातार बदल रही है और भारतीय सेना भी नई तकनीकों और आधुनिक हथियारों को तेजी से शामिल कर खुद को बदल रही है।
- सेना को नई तकनीक वाले हथियारों की जरूरत- जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत हथियारों के मामले में राइफल से लेजर हथियारों तक जाना चाहता है। हम ऐसे टैंक सेना में शामिल कर रहे हैं जो बिना किसी व्यक्ति के संचालित हो सकें।
- कम ताकतवर देश भी युद्ध जीत सकते हैं- सेना प्रमुख ने कहा कि आधुनिक युद्ध में “डेविड एंड गोलियथ” सिस्टम अहम है। इसका मतलब है कि कम डेवलप देश भी बड़े और ताकतवर दुश्मन को हरा सकते हैं। इसके लिए फोर्स एप्लिकेशन और फोर्स प्रोटेक्शन दोनों ही जरूरी हैं।
- नए हेलिकॉप्टरों की खरीद पर भी बात चल रही- जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, सेना के लिए नए हेलिकॉप्टरों की खरीद पर भी बात चल रही है। मैं कुछ दिन पहले ही इस सिलसिले में विदेश गया था। हम सैनिकों की जिंदगी बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं।
इससे पहले सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 4 अगस्त को पाकिस्तान से जल्द ही दोबारा युद्ध होने की आशंका जताई थी। उन्होंने IIT मद्रास में ‘अग्निशोध’- इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) के उद्घाटन समारोह में कहा- अगला युद्ध जल्द हो सकता है। हमें उसी के मुताबिक तैयारी करनी होगी और इस बार हमें यह लड़ाई मिलकर लड़नी होगी।
इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जनरल द्विवेदी ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार ने हमें फ्री हैंड दिया था। ऑपरेशन में शतरंज की चालें चल रहे थे। हमें नहीं पता था दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं। ऐसे ही PAK को भी हमारी चाल का नहीं पता था।

