जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रविवार देर रात हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। भास्कर को सूत्रों ने सोमवार को बताया कि TRF चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड था।
गांदरबल के गगनगीर इलाके में श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकियों ने फायरिंग की। हमले में बडगाम के डॉक्टर शहनवाज मीर और पंजाब-बिहार के 6 मजदूरों की जान चली गई।
हमले के बाद गांदरबल और गगनगीर के जंगलों में रात से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यह ऑपरेशन अभी भी जारी है। सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और अब नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (NIA) भी पहुंच गई है।
गगनगीर आतंकी हमला, 4 पॉइंट
- हमले में 2-3 आतंकी शामिल, 1 महीने रेकी की
भास्कर को सूत्रों ने बताया कि गगनगीर आतंकी हमले में TRF के 2-3 आतंकवादी शामिल हैं। यह पिछले एक महीने से कंस्ट्रक्शन साइट की रेकी कर रहे थे। इसके चलते ही आतंकी हमले के तुरंत बाद फरार होने में कामयाब रहे। - पंजाब और बिहार के मजदूरों को निशाना बनाया
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि बड़गाम के डॉक्टर शहनवाज, कठुआ के रहने वाले शशि अब्रोल हमले में मारे गए। इनके अलावा पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बिहार के अनिल कुमार शुक्ला, फहीम नजीर, मोहम्मद हनीफ और कलीम की हत्या की गई। ये सभी केंद्र सरकार के टनल प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। - TRF ने स्ट्रैटजी बदली, अब बाहरी भी निशाने पर
रिपोर्ट्स के मुताबिक TRF ने पिछले डेढ़ साल में अपनी स्ट्रैटजी बदली है। पहले TRF कश्मीर पंडितों की टारगेट किलिंग करता था। अब यह संगठन गैर कश्मीरियों और सिखों को निशाना बना रहा है। 4 दिन पहले शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान की हत्या की गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी अभी किसी संगठन ने नहीं ली है। - बारामूला में आतंकवादी ढेर, गांदरबल कनेक्शन नहीं
गांदरबल के हमले के बाद 50 किलोमीटर दूर बारामूला में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं, लेकिन अभी तक इसका गांदरबल से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। यहां भी सोमवार सुबह से सर्च ऑपरेशन जारी है।
370 हटने के बाद TRF एक्टिव, टारगेट किलिंग की
TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि TRF को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ने बनाया है। यह लश्कर और जैश के कैडर को मिलाकर बनाया गया है। यह संगठन कश्मीरियों, कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की हत्या की कई घटनाओं में शामिल है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद TRF ज्यादा एक्टिव हो गया है। हमलों की जिम्मेदारी लश्कर नहीं, बल्कि TRF लेता है।
TRF का मकसद: 2020 के बाद TRF टारगेट किलिंग की ज्यादातर घटनाओं में शामिल रहा। कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों, सरकारी अफसरों, नेताओं और सिक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाता है। 370 हटने के बाद सरकारी योजनाओं, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना और अस्थिरता फैलाना मकसद है। सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।

