पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में सोमवार (27 मई) सुबह क्राइम ब्रांच ने दो डॉक्टर्स समेत तीन को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि अरेस्ट किए गए ससून जनरल हॉस्पिटल के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हैलनोर पर नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने का आरोप है। तीसरे आरोपी का नाम अतुल घटकांबले है। उस पर आरोप है कि उसने डॉक्टरों की मदद की।
पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने डॉक्टरों को ब्लड सैंपल बदलने के लिए घूस दी थी। डॉक्टरों ने ओरिजिनल ब्लड सैंपल डस्टबिन में फेंककर किसी अन्य शख्स का सैंपल लेकर रिपोर्ट बनाई, जिससे नाबालिग के नशे में होने की बात छिपाई जा सके।
पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ धोखाधड़ी, क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी और सबूतों से छेड़छाड़ का केस भी दर्ज किया है। इससे पहले उसके खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बच्चे पर ध्यान न देने का मामला दर्ज हुआ था।
पुणे कोर्ट ने 24 मई को विशाल अग्रवाल को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। हालांकि, ड्राइवर के किडनैपिंग केस में आज पुलिस ने विशाल अग्रवाल की कस्टडी अपने पास लेने के लिए कोर्ट से इजाजत ले ली है।
पुलिस ने कहा कि घटना के बाद हमने नाबालिग के एल्कोहॉल ब्लड टेस्ट 2 अलग-अलग अस्पताल में कराए थे। ससून अस्पताल में कराई गई जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन दूसरे अस्पताल से मिली रिपोर्ट से उसके नशे में होने की पुष्टि हुई थी। पब के CCTV में भी वह शराब पीते दिखा था।
अमितेश कुमार ने कहा कि दूसरे अस्पताल से रिपोर्ट आने के बाद हमें ससून अस्पताल की रिपोर्ट पर शक हुआ था। पूछताछ करने पर डॉक्टर हैलनोर ने सैंपल बदलने की बात को स्वीकार किया। सबूत के लिए नाबालिग आरोपी के बंगले, बार, एक्सीडेंट साइट और हॉस्पिटल के पास लगे कुल 150 कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस उस शख्स की भी तलाश कर रही है, जिसके सैंपल से नाबालिग की रिपोर्ट बनाई गई थी। गिरफ्तार किए गए दोनों डॉक्टरों को आज दोपहर शिवाजीनगर कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामले में अब तक कुल 10 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।