मणिपुर में दूसरी बार हिंसा भड़कने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने राज्य के हालात पर चिंता जताई है। यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स कमीशन (UNHR) ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को सोशल मीडिया पर लिखा- हम मणिपुर हिंसा पर बोलने वाले मानवाधिकार एक्टिविस्ट बबलू लिथोंगबम को मिल रही धमकियों से चिंतित हैं।
5 अक्टूबर को हिंसक भीड़ ने इंफाल वेस्ट के कैथेलमांगबी में बबलू लिथोंगबम के घर पर हमला किया था। UNHR ने इस घटना के पीछे मैतई लिपुंस और अरामबाई तेंगोल को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही अधिकारियों से बबलू लिथोंगबम, उनके परिवार और घर को सुरक्षा देने की मांग की है।
मानवाधिकार एक्टिविस्ट बबलू लिथोंगबम मैतेई कट्टरपंथी संगठन मैतेई लिपुंस और अरामबाई तेंगोल की आलोचना करते रहे हैं। मैतेई लिपुंस ने 5 अक्टूबर को एक प्रेस में बबलू लिथोंगबम और बृंदा थौनाओजम को बायकॉट करने का ऐलान किया था।
5 अक्टूबर की शाम को ही बबलू लिथोंगबम के घर पर भीड़ ने तोड़-फोड़ की। हालांकि, तब बबलू घर पर नहीं थे। हमले से 5 दिन पहले बबलू ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए अपने घर पर हमले की आशंका जताई थी।
बबलू लिथोंगबम ने CM एन बीरेन की आलोचना भी की
हमले के बाद बबलू लिथोंगबम का सोशल मीडिया में एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने मणिपुर हिंसा के शुरुआती दिनों में दिए गए एक इंटरव्यू में अपने बयान के लिए मणिपुर के लोगों से माफी मांगी।
बबलू लिथोंगबम राज्य के सीएम CM एन बीरेन के आलोचक रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मणिपुर हिंसा को खत्म करने के लिए भाजपा को एन बीरेन सिंह की जगह भाजपा के ही किसी दूसरे नेता को सीएम बना देना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार को कुकी समुदाय से बातचीत करने की भी सलाह दी थी।