Faridabad (अतुल्य लोकतंत्र ): हरियाणा मे अब न्यायालयों के आदेश हिंदी मे मिलने को लेकर अभिवक्ताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर ख़ुशी जाहिर की।
इस पर बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के पूर्व मनोनीत सदस्य शिवदत्त वशिष्ठ, एडवोकेट ने कहा की अभी तक न्यायालय में कार्यवाही अंग्रेजी मे ही होने से कम पढ़े लिखे लोगो को दिक्कते होती थी। लेकिन अब बहुत जल्द न्यायालयों के आदेश हिंदी में होने लगेंगे ।पंजाब एंड हरयाणा के उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय व् अधिकरणो मे हिंदी के उपयोग के लिए बनाये गए हरियाणा राज भाषा अधिनियम 1969 मे शंशोधन पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी ह।सुचना जन संपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना पहली अप्रैल से लागू होगी। दैनिक जीवन मे लोग हिंदी भाषा का ज़्यदा उपयोग करते है इसलिए अदालती कार्यवाही के दौरान आमजन को असहज स्थिति से बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने जनवरी में अदालती आदेशों को हिंदी में ही जारी कराने की मंज़ूरी दी थी।
नियमो में बदलाव के बाद उच्च न्यायालय के अधीनस्थ हिंदी मे काम किया जायेगा। वशिष्ठ ने कहा की हिंदी मे आदेश मिलने से आमजन मानस को बहुत फायदे होंगे। जिन लोगो को अंग्रेजी पढ़ने मे दिक्कते आती है अब हिंदी मे आदेश मिलने से अपने हक़ के आदेशों को पढ़ने मे दिक्कते नहीं आएंगी। इससे पहले भी कई राज्यों मे न्यायालयों के आदेश हिंदी मे आने से उन राज्य के लोगो की सुविधा बढ़ी है। जबकि इंग्लिश मे आदेशों के आने पर व्यक्ति दुसरो पर आधारित रहता है। अब स्वयं अपने आदेशों को पढ़ व् समझ सकेंगे ।
इस मौक़े पर वरिष्ठ अधिवक्ता सतबीर शर्मा, विनोद कौशिक ,मदन दलाल ,धनसिंघ ,सतपाल नगर,विजय पाल यादव ,कुलदीप जोशी ,अफाक खान, हरदीप बैसोया ,सागर नगर ,प्रदीप सिद्धू ,नमन बंसल ,कपिल तिवारी ,बिल्लू धनकड़, कमल दलाल, सुरेंदर लोहिया, बिल्ली धनकड,मनोज,आदि सैकड़ों अधिवक्ता वोमौजूद थे।