सात साल बाद मासूमों का कत्लेआम करने वालों को कोर्ट ने 20 लोगों को ठहराया दोषी

After seven years, the court convicted 20 people for killing innocent people
After seven years, the court convicted 20 people for killing innocent people

पेरिस। सआदत हसन मंटो एक पाकिस्तानी नाटककार और लेखक थे उन्होंने आज के जमाने से पूरी तरह से मेल खाती हुई एक बात कही थी कि ‘मज़हब जब दिलों से निकलकर ‘दिमाग़ पर चढ़ जाए तो ज़हर बन जाता है’ और जहर क्या क्या कर सकता है इसकी जानकारी एक मासूम बच्चे को भी होती है। जैसे भारत में आज कई लोगों के दिलों में बसने वाला उनका धर्म दिमाग में चढ़ गया हैं और उदयपुर जैसी वारदातों को अंजाम दे रहा हैं, इसी तरह साल 2015 में धर्म के नाम पर मासूमों का खूब खून बहाया गया था। शार्ली एब्दो (Charlie Hebdo) नरसंहार जैसे कई हमलों को फ्रांस में आतंकियों ने अंजाम दिया था। खुद को धर्म का ठेकेदार कहने वाले ISISI आतंकवादी समूह ने इन हत्याओं को उनके ‘खुदा के अपमान का बदला’ करार दिया था और पूरी दुनिया को धमकी दी थी कि जो कोई उनके धर्म के बारे में कुछ भी कहेगा तो उसका सरेआम कत्लेआम किया जाएगा।

सरेआम मासूमों की जान लेकर इन आतंकियों को लगता है खुदा इनकों जन्नत बख्सेगा। हैवानों वाले काम करके इन्हें लगता है कि उन्हें खुदा अपने चरणों में जगह देगा! खैर दुनियां में सेकड़ों आतंकवादी समूह है और वह सालों से धर्म के नाम पर दुनिया में आतंक बचा रहे हैं। नयी-नयी तकनीकों के हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं। हथियारों के बिजनेस की आंड़ में खुले बाजार में कुछ बिजनेसमैन मासूमों की जान का सौदा कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर आतंकी वारदातों की दिखावे के लिए आलोचना कर रहे हैं। सालों से यहीं चल रहा हैं।

आपको बता दे कि फ्रांस में 2015 में हुए आतंकी हमलों में 20 हमलावर को जिंदा पकड़ा गया था। सेकड़ों की हत्या करने वाले आतंकियों को 7 साल बाद कोर्ट ने दोषी पाया है। फ्रांस की अदालत ने 2015 में बाटाक्लान थिएटर, पेरिस कैफे और फ्रांस के राष्ट्रीय स्टेडियम में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी हमलों से संबंधित आरोपों में 20 लोगों को दोषी पाया है।

फ्रांस के इतिहास में इन भीषणतम हमलों में कम से कम 130 लोग मारे गए थे। पीठासीन न्यायाधीश जीन-लुई पेरीज़ ने बुधवार को नौ महीने से चल रहे मुकदमे में फैसला सुनाया। मुख्य संदिग्ध, सलाह अब्देसलाम आतंकी योजना के तहत हत्या करने और हत्या के प्रयास सहित अन्य आरोपों में दोषी पाया गया।

Deepak Sharma
इस न्यूज़ पोर्टल अतुल्यलोकतंत्र न्यूज़ .कॉम का आरम्भ 2015 में हुआ था। इसके मुख्य संपादक पत्रकार दीपक शर्मा हैं ,उन्होंने अपने समाचार पत्र अतुल्यलोकतंत्र को भी 2016 फ़रवरी में आरम्भ किया था। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस नाम को मान्यता जनवरी 2016 में ही मिल गई थी । आज के वक्त की आवाज सोशल मीडिया के महत्व को समझते हुए ही ऑनलाईन न्यूज़ वेब चैनल/पोर्टल को उन्होंने आरंभ किया। दीपक कुमार शर्मा की शैक्षणिक योग्यता B. A,(राजनीति शास्त्र),MBA (मार्किटिंग), एवं वे मानव अधिकार (Human Rights) से भी स्नातकोत्तर हैं। दीपक शर्मा लेखन के क्षेत्र में कई वर्षों से सक्रिय हैं। लेखन के साथ साथ वे समाजसेवा व राजनीति में भी सक्रिय रहे। मौजूदा समय में वे सिर्फ पत्रकारिता व समाजसेवी के तौर पर कार्य कर रहे हैं। अतुल्यलोकतंत्र मीडिया का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सरोकारों से परिपूर्ण पत्रकारिता है व उस दिशा में यह मीडिया हाउस कार्य कर रहा है। वैसे भविष्य को लेकर अतुल्यलोकतंत्र की कई योजनाएं हैं।

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