Uttar Pardesh/AtulyaLoktantra : अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के हक में जाने के बाद रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मसले पर बैठक बुलाई. यह बैठक लखनऊ के मुमताज पीजी कॉलेज में हो रही है. बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी समेत असदुद्दीन ओवैसी और जफरयाब जिलानी भी मौजूद हैं.
इस बैठक में तय होना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई जाए या नहीं. साथ ही कोर्ट ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का जो आदेश दिया है उसे स्वीकार किया जाए या नहीं. यह बैठक हालांकि पहले लखनऊ के नदवा कॉलेज में प्रस्तावित थी. लेकिन अचानक बैठक की जगह बदली गई और मुमताज पीजी कॉलेज में बैठक रखी गई. इस बैठक में मौलाना महमूद मदनी, अरशद मदनी, मौलाना जलाउद्दीन उमरी, मुस्लिम लीग के सांसद बशीर, खालिद रशीद फिरंगी महली, असदुद्दीन ओवैसी, जफरयाब जिलानी, मौलाना रहमानी, वली रहमानी, खालिद सैफुला रहमानी और राबे हसन नदवी मौजूद हैं.
बता दें कि लखनऊ और खासकर यहां नदवा कॉलेज में मीटिंग को लेकर सवाल उठ रहे थे कि आखिर यूनिवर्सिटी में इतना बड़ा सियासी फैसला लेने के लिए क्यों यह बैठक हो रही है. कई सदस्य इस बात पर भी आपत्ति जता रहे थे कि जब एक बार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला ले लिया है तो फिर इस मीटिंग का औचित्य क्या है.
मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन पर होगी चर्चा
अयोध्या मसले पर आए कोर्ट के फैसले को लेकर आज यानी रविवार को लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक है, जिसमें मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेनी है या नहीं इस पर चर्चा भी होगी. साथ ही इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का औपचारिक ऐलान हो सकता है.
पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर असमंजस
रिव्यू पीटिशन के मसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सभी सदस्य एकमत नहीं हैं. मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि एक बार फिर हिंदुस्तान को इस इम्तिहान में डालना वाजिब नहीं है. वहीं शनिवार की बैठक में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हिस्सा नहीं लिया. दोनों ने ये भी साफ कर दिया कि वो अब इस मसले पर कोई रिव्यू पीटिशन दाखिल नहीं करेंगे. हालांकि इस मामले में एम आई सिद्दीकी समेत बाकी तीन पक्षकारों ने याचिका दायर करने को लेकर सहमति दे दी है.