पंजाब: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले तीन महीने से अधिक समय से जारी है। सिंघु बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी। वे तब तक लौटकर वापस अपने घर नहीं जाएंगे। उनका आंदोलन ऐसे ही आगे भी चलता रहेगा।
इस बीच आज पंजाब से खबर आ रही है कि कृषि कानूनों के विरोध में यहां एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी है। वह सीमावर्ती पुलिस थाना भिंडी सैदा के अंतर्गत आने वाले गांव कड़ियाल का रहने वाला है। मृतक की पहचान कुलदीप सिंह के तौर पर हुई है। उसकी कोई ज्यादा उम्र भी नहीं थी।
बताया जा रहा है कि वह सोमवार रात को सिंघु बॉर्डर से वापस अपने घर आया हुआ था। वह पिछले एक महीने से किसान आंदोलन में था।
19 फरवरी को वह किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए गांव के लोगों के साथ गया था। इस जत्थे के साथ दिल्ली बॉर्डर गए गांव के बाकी किसान तो कुछ दिन बाद लौट आए लेकिन कुलदीप वहीं रूक गया।
घरवालों के मुताबिक सोमवार को गांव के पूर्व सरपंच गुरप्रीत सिंह का उनके पास फोन आया था। उन्होंने फोन पर बताया कि बेटा खेत में अचेत अवस्था में पड़ा है। जब परिजन बताये गये स्थान पर पहुंचे तो वहां कुलदीप बेहोशी की हालत में उन्हें वहां पर मिला।
जिसके बाद वे उसे अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में लेकर आये और वहां पर एडमिट करवाया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घरवालों के मुताबिक कुलदीप सिंह ने घर आने से पहले ही रास्ते में ही जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसके पिता जागीर सिंह के मुताबिक उनका बेटा बहुत ही संवेदनशील था। एक महीने तक किसानों के साथ रहने के बाद वह बहुत ही ज्यादा दुखी हो गया था। जिसके चलते उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।