दिल्ली हाईकोर्ट ने 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी आरिज खान को मिली फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने 12 अक्टूबर को मामले पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
आरिज खान इंडियन मुजाहिदीन (IM) का आतंकी है। उस पर दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या का आरोप है।
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इस मामले में आरिज खान को 8 मार्च को दोषी करार दिया था। अदालत ने 14 मार्च 2021 को आरिज को फांसी की सजा सुनाई थी, तब कोर्ट ने कहा था कि यह क्राइम रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी का है। आरिज ने कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
क्या है बाटला हाउस एनकाउंटर
दिल्ली के बाटला हाउस में 19 सितंबर 2008 की सुबह एनकाउंटर हुआ था। उससे ठीक एक हफ्ता पहले 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में 5 जगहों पर ब्लास्ट हुए थे। तीन जिंदा बम भी मिले थे। 50 मिनट में हुए इन पांच धमाकों में करीब 39 लोग मारे गए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल धमाकों की जांच कर रही थी, तब वह बाटला हाउस में एल-18 नंबर की इमारत की तीसरी मंजिल पर पहुंच गई थी। वहां इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ हुई। मरने वाले 2 संदिग्ध आजमगढ़ के थे। 2 गिरफ्तार हुए थे। एक फरार हो गया था।
एनकाउंटर के दौरान आरिज मौके से भाग निकला था। उसे साल 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उसे धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया था। इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए थे। आरिज को इसी मामले में सजा सुनाई गई है।
आरिज पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ कोर्ट में 2007 में हुए ब्लास्ट में भी शामिल था। जानकारी के मुताबिक, आरिज बम बनाने में माहिर है और वह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद और वाराणसी बम धमाके में भी शामिल था।