पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पार अपने कब्जे वाली जगह से 3 किलोमीटर पीछे हट गई हैं। यह खुलासा मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। मई 2020 में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ा था, तब से भारत-चीन ने अपने-अपने सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास तैनात किया था।
अब इस इलाके में पेट्रोलिंग नहीं करेंगी सेनाएं
सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि एक साल पहले (12 अगस्त, 2021) को डिसइंगेजमेंट से पहले गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके में एक चीनी पोस्ट दिख रहा है, जबकि हालिया तस्वीर में यह पोस्ट नहीं दिखाई दे रही। सहमति के तहत इस इलाके में दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग नहीं कर सकतीं।
डिसइंगेजमेंट से पहले (12 अगस्त, 2021) की सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि चीनी सेना ने LAC के पार एक बिल्डिंग बनाई थी। इस इलाके के पास 2020 में चीनी घुसपैठ से पहले भारतीय सेना गश्त करती थी। दूसरी तरफ 15 सितंबर, 2022 की सैटेलाइट तस्वीरों में यह बिल्डिंग गायब है। एक और सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन ने अपनी पोस्ट को दूसरे इलाके में शिफ्ट कर दिया है।
इंडियन आर्मी ने भी अपनी पोस्ट हटाई
लद्दाख में स्थानीय पार्षदों का कहना है कि समझौते के हिस्से में इंडियन आर्मी ने भारतीय क्षेत्र के भीतर भी अपने दो पोस्ट हटाएं हैं। लेकिन दिल्ली में सेना के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टेनजिन ने NDTV को बताया कि हमारे सैनिक न केवल पेट्रोल प्वाइंट 15 (PP-15) बल्कि पेट्रोल प्वाइंट 16 (PP-16) से भी वापस चले गए हैं।
यहां हमारे सैनिक पिछले 50 साल से पेट्रोलिंग करते थे। हमारे चरागाह अब एक बफर जोन बन गए हैं। यह सर्दियों के लिए हमारा प्रमुख चरागाह था। इधर, दोनों सेनाओं के बीच डेमचोक और देपसांग इलाके में गतिरोध को हल करने की कोशिश जारी है।