चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार (26 नवंबर) को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जनता की अदालत के रूप में काम किया है, इसलिए जनता को अदालतों में जाने से डरना नहीं चाहिए। न ही इसे आखिरी ऑप्शन के रूप में नहीं देखना चाहिए। देश की हर अदालत में आने वाला हर केस संवैधानिक शासन का ही विस्तार है।
CJI सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस पर चल रहे एक इवेंट में बोल रहे थे। इस दाैरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उद्घाटन भाषण दिया। इवेंट में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे।
CJI ने कहा- पिछले सात दशकों में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने लोगों की अदालत के रूप में काम किया है। हजारों नागरिकों ने इस विश्वास के साथ इसके दरवाजे खटखटाए हैं कि उन्हें यहां से न्याय मिलेगा। कई केस तो ऐसे होते हैं, जिनमें लोग अपनी निजी स्वतंतत्रा की सुरक्षा, गैरकानूनी गिरफ्तारियों के खिलाफ जवाबदेही, बंधुआ मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा, आदिवासी अपनी मातृभूमि की सुरक्षा, हाथ से मैला ढोने जैसी सामाजिक बुराइयों की रोकथाम और यहां तक कि साफ हवा पाने के लिए कोर्ट के दखल की उम्मीद के लिए अदालत में आते हैं।