नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की दस्तक के बाद से तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। तेजी से बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच यहां के अस्पतालों में बेड्स और वेंटिलेटर की डिमांड भी बढ़ती जा रही है, लेकिन समस्या ये है कि यहां पर अब बेड्स और वेंटिलेटर खाली ही नहीं हैं।
ऐसे हालात एक दो नहीं बल्कि कई अस्पतालों में देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली सरकार के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल रहे लोक नायक हॉस्पिटल में तो कोरोना संक्रमितों के लिए 50 वेंटिलेटर थे, जिनमें से मौजूदा समय में केवल एक ही वेंटिलेटर खाली है। वहीं, केंद्र सरकार के एम्स ट्रॉमा सेंटर में तो 71 में से केवल 12 वेंटिलेटर ही खाली हैं। इसके अलावा भी कई बड़े सरकारी अस्पतालों में स्थिति बेहद खराब है।
26 प्राइवेट अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं, जबकि कुल 33 निजी हॉस्पिटल्स में आईसीयू बेड की संख्या शून्य है। आपको बता दें कि राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने ने 31 मार्च 2021 को एक आदेश जारी करके राजधानी के 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में करीब 230 ICU/वेंटिलेटर बढ़ाए थे। लेकिन इसके बाद भी इस समय प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड्स शून्य हो चुके हैं।