सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए.टी. वानखेड़े ने सुनवाई के दौरान छोटा राजन पर लगी विभिन्न धाराओं से उसे बरी कर दिया। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, कि अधिकतर गवाहों का पता नहीं लगाया जा सका। यहां तक कि मामले का रिकॉर्ड भी गायब हो गया था।
क्या था मामला?
बता दें, कि शराब तस्करी मामले में छोटा राजन (Chhota Rajan) के खिलाफ 38 साल पहले यह मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में छोटा राजन के वकील तुषार खंडारे ने विशेष जानकारी देते हुए बताया, कि यह मामला 1983 में दर्ज किया गया था। तब छोटा राजन एक टैक्सी में तस्करी के जरिए शराब ला रहा था। राजन को तिलक नगर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने रोकने की कोशिश की थी। पुलिस टीम में दो अधिकारी और चार कॉन्स्टेबल थे, जबकि छोटा राजन (Chhota Rajan) के साथ कार में दो अन्य साथी मौजूद थे। पुलिस के टैक्सी रोकने पर छोटा राजन ने चाकू निकालकर एक पुलिस अधिकारी पर जानलेवा हमला बोला था। हालांकि, पुलिस ने छोटा राजन और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि एक फरार हो गया था। छोटा राजन के साथ गिरफ्तार उसके साथी को बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया था,वहीं छोटा राजन बेल पर जेल से बाहर निकल आया था, लेकिन राजन पर मुकदमा अब तक चल रहा था।
2015 में इंडोनेशिया से भारत लाया गया था राजन
ज्ञात हो, कि छोटा राजन (Chhota Rajan) को अक्टूबर, 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के बाद भारत लाया गया था। इस दौरान मुंबई पुलिस ने छोटा राजन का मुकदमा सीबीआई के हवाले कर दिया था। सीबीआई ने इस मामले में फाइनल क्लोजर रिपोर्ट लगाते हुए कहा था कि यह मामला बेहद पुराना होने के चलते उन्हें कोई गवाह, सबूत नहीं मिल पाया है। यहां तक कि हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू भी गायब हो चुका है।
स्पेशल CBI कोर्ट ने केस बंद करने से किया था इनकार
मुंबई की स्पेशल सीबीआई अदालत ने जांच एजेंसी की इस क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए केस बंद करने से इनकार कर दिया था। केंद्रीय अन्वेषणब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से वकील ने कोर्ट के सामने दलील रखी थी, कि घटना के समय मौजूद तीन पुलिस कांस्टेबलों ने छोटा राजन (Chhota Rajan) की पहचान अच्छी तरह की थी। बचाव पक्ष इससे इनकार नहीं कर सकता।
राजन पर चल रहे 70 केस
उल्लेखनीय है, कि छोटा राजन (Chhota Rajan) पर तक़रीबन 70 मामलों में मुकदमे चल रहे हैं। साल 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या मामले में वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। कोरोना महामारी के दूसरी लहार के दौरान छोटा राजन के मौत की अफवाह भी उड़ी थी।