2018 में एक सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ था कि इंटरनेट की दुनिया में भारतीय उपभोक्ताओं ने अंग्रेजी को पछाड़ दिया है। इसमें सबसे बेहतरीन काम गूगल (Google) के टूल ने किया । जिसने लोगों को हिन्दी में सर्च करने में मदद की। आज स्थिति यह है कि गांव या सुदूरवर्ती कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है जहां से हिन्दी में बोलकर या लिखकर गूगल पर सेकंड्स में मनचाही सामग्री न पाई जा सके।
एक अध्ययन में कहा गया है कि 90 फीसदी भारतीय अपनी स्थानीय भाषा में इंटरनेट सर्च करना पसंद करते हैं। गूगल्स ईयर सर्च 2020 की रिपोर्ट बताती है कि गूगल सर्च में अनुवाद में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि न केवल सर्च बल्कि तुलना करने या कोट्स के लिए भी गूगल पर सर्च में बढ़ोतरी हुई है।
स्मार्ट फोन के जरिये हिन्दी में खोज
गूगल का यह भी दावा है कि भारत की 2011 की जनगणना के मुताबिक 44 फीसदी हिन्दी भाषी जनता में अधिकांश लोग अपने स्मार्ट फोन (Smartphone) के जरिये हिन्दी में खोज को पसंद करते हैं। भारत से 70 फीसदी हिन्दी में खोज की जा रही है। मजे की बात यह है कि हिन्दी में इंटरनेट की दुनिया में सर्च करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके 2021 में 75 फीसदी हो जाने का अनुमान है।
ओटीटी प्लेटफार्मस (OTT Platform) , सोशल मीडिया (Social Media) और वेब सीरीज (Web Series) के अलावा कोरोना काल में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई (online study) के चलते गूगल पर हिन्दी में खोज करने वालों की संख्या सबसे तेज हो चुकी है। हिन्दी में खाने की चीजों की खोज में 237 प्रतिशत की ग्रोथ है। हिन्दी में चार चीजें खासतौर पर सर्च की जा रही हैं जिसमें यूट्यूब, वीडियो, भोजपुरी गाना और मोटू पतलू शामिल हैं। बाइक कौन सी लें इस खोज में भी जबर्दस्त बढ़ोतरी है।
हिन्दी भाषियों के एक नए युग में प्रवेश
वायस सर्च में 270 फीसदी की ग्रोथ है। भारत में जहां 125 मिलियन अंग्रेजी भाषी बताए जाते हैं इनमें 0.3 फीसदी ही अंग्रेजी में सर्च करते हैं। बाकी अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में खोज करते हैं। इस तरह गूगल पर हिन्दी में खोज का बढ़ना भारत के हिन्दी भाषियों और कंपनियों के एक नए युग में प्रवेश की दस्तक है।