पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंची ममता बनर्जी विपक्ष को गोलबंद करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। ममता के दिल्ली दौरे का एक महत्वपूर्ण एजेंडा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का भी था। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष से ममता की मुलाकात के दौरान राहुल गांधी भी मौजूद थे। इस मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सियासी पंडितों का भी मानना है कि 2024 की जंग में कांग्रेस के बिना विपक्ष का मोर्चा कामयाब होना मुश्किल है।
कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद ममता ने साफ तौर पर कहा कि विपक्ष का मजबूत मोर्चा बनाने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों और क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस पर पूरा भरोसा करना होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एक बार फिर इस सवाल को टालने की कोशिश की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा कौन होगा। हालांकि उन्होंने यह संकेत जरूर दिया कि अगर उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो वे इससे पीछे नहीं हटेंगी।
ममता को सकारात्मक नतीजे की उम्मीद
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि सोनिया भी विपक्षी गठजोड़ को मजबूत देखना चाहती हैं।