ओमिक्रॉन वायरस नुकसानदायक नहीं
ओमीक्रान अत्यंत संक्रामक है तथा ये वैक्सीन जनित इम्यूनिटी (Imunity booster) को चकमा दे रहा है। वैक्सीन पाए लोगों में संक्रमण (Vaccine) हो रहा है लेकिन हल्का। संक्रमण के बाद ये वेरियंट फेफड़ों में गंभीर नुकसान भी नहीं पहुंचाता है। ये अच्छी बात है लेकिन ये भी सच्चाई है कि वायरस अपने सर्वाइवल के लिए अपने को बदलता रहता है। इसका मतलब है कि वह ज्यादा संक्रामक बनेगा, एंटीबाडी (Antibody) को चकमा देगा और ज्यादा गंभीर बीमारी पैदा करेगा। इन तीन पहलुओं में से दो – ज्यादा संक्रामकता और एंटीबाडी को चकमा – ओमीक्रान में शामिल हैं। अब अगले वेरियंट में ये तीनों चीजें हो सकती हैं, ऐसा पूरा अंदेशा है।
फ्रांस में एक वेरियंट मिला भी है
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ फ्लोरिडा के वैज्ञानिक एडविन माइकल (University of South Florida scientist Edwin Michael) के अनुसार, जहाँ तक वायरस (Corona Virus) के म्योटेशन की बात है तो वह अत्यंत नगण्य दर पर हो सकता है लेकिन उसके नतीजे बेहद व्यापक भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर ओमीक्रान जैसा संक्रामक और डेल्टा जैसा फेफड़ों के लिए घातक वेरियंट आ गया तो क्या होगा? फ़्रांस में एक वेरियंट मिला भी है जिसमें ओमीक्रान से कहीं ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं। इसपर अभी शोध हो रहा है और डब्लूएचओ ने भी उसका संज्ञान लिया है।
वेरियंट में तो 42 म्यूटेशन हैं
दक्षिण अफ्रीका में अधिकारियों द्वारा पहले मामलों की सूचना दिए जाने के बाद नवंबर के अंत में ओमीक्रान ने दुनिया भर की स्वास्थ्य एजेंसियों में अलार्म बजा दिया था। पुरानी वंशावली की तुलना में ओमीक्रान में लगभग 50 प्रमुख बदलाव हैं जिनमें से 30 स्पाइक प्रोटीन पर हैं, जो वायरस को हमारी कोशिकाओं पर कब्जा करने में मदद करते हैं। फ़्रांस में मिले ‘इहु’ वेरियंट में तो 42 म्यूटेशन हैं।
ज्यादा लोगों का कम से कम समय में वैक्सीनेशन
कुछ म्यूटेशन एक वायरस की एंटीबॉडी को चकमा देने की क्षमता से जुड़े होते हैं और इस प्रकार वैक्सीनों से आंशिक रूप से बच जाते हैं। बाकी उच्च संक्रामकता से जुड़े हैं। वेरियंट के अनुवांशिक मेकअप ने वैक्सीनेशन में भारी वृद्धि के साथ-साथ संक्रमण की दर भी बढ़ा दी है। जहाँ तक समाधान की बात है तो एक्सपर्ट्स एक ही बात कहते हैं – ज्यादा से ज्यादा लोगों का कम से कम समय में वैक्सीनेशन। जब तक लोग वैक्सीन से अछूते रहेंगे तब तक वे संक्रमण के जोखिम में हैं और जब संक्रमण फैलेगा तो म्यूटेशन भी होगा। वह म्यूटेशन किस रूप में सामने आयेगा, ये कहा नहीं जा सकता इसलिए किसी अत्यंत भयानक स्थिति से बचने के लिए सभी वैक्सीन निर्माता देशों को एक साथ आ कर स्थिति को संभालना होगा।