Pegasus: मानसून सत्र में पेगासस के आगे गुम हो गए अहम मुद्दे, लोकसभा-राज्यसभा में 150 घंटे का समय बर्बाद

Deepak Sharma

Pegasus: संसद का पूरा मानसून सत्र पेगासस मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया। पेगासस जासूसी कांड को लेकर विपक्ष का तेवर इतना ज्यादा गरम रहा कि राज्यसभा और लोकसभा को मिलाकर करीब 150 घंटे का समय बर्बाद हो गया। पेगासस मुद्दे पर विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा में 74 घंटे और राज्यसभा में करीब 76 घंटे कोई काम नहीं हो सका।

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की थी मगर पेगासस जासूसी कांड के सामने सारे मुद्दे गौण हो गए और पूरे मानसून सत्र के दौरान इसे लेकर हंगामा चलता रहा। विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में 28 फीसदी और लोकसभा में 22 फीसदी ही काम हो सका।

सिर्फ ओबीसी विधेयक में ही विपक्ष का सहयोग

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 19 जुलाई को हुई थी और मानसून सत्र से पहले माना जा रहा था कि विपक्ष केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों, महंगाई, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और एलएसी पर चीन की घुसपैठ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरेगा। विपक्ष की ओर से इस बाबत रणनीति भी तैयार की गई थी मगर मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही पेगासस का मुद्दा ऐसा गरमाया कि सारे मुद्दे पीछे छूट गए।

विपक्ष ने सरकार पर विरोधियों की जासूसी कराने का आरोप लगाते हुए इस पर चर्चा कराने और संयुक्त संसदीय समिति से इस मामले की जांच कराने की मांग की। सरकार की ओर से इन सारे आरोपों को निराधार बताया गया मगर विपक्ष के अपनी मांग पर अड़ जाने के कारण पूरे मानसून सत्र के दौरान हंगामा होता रहा। केवल राज्यों को अपने हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार करने की ताकत देने वाले 127वें संविधान संशोधन विधेयक पर ही चर्चा में विपक्षी सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।

लोकसभा में सिर्फ 21 घंटे ही कामकाज

मानसून सत्र के दौरान हुए हंगामे के बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई को शुरू होने के बाद 17 बैठकों में सिर्फ 21 घंटे 14 मिनट ही कामकाज हो सका। उन्होंने कहा कि उन्हें मानसून सत्र के दौरान सार्थक बहस होने की उम्मीद थी मगर विपक्ष के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण सदन में कामकाज नहीं हो सका। बिरला ने बताया कि संसद में हंगामे के कारण 96 घंटे में करीब 75 घंटे कोई कामकाज नहीं हो सका।

इस दौरान संविधान के 127वें संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए। ओबीसी बिल को छोड़कर सारे विधेयक बिना किसी चर्चा के ही पारित कर दिए गए। सदन की बैठक अनिश्चितकालीन स्थगित किए जाने के बाद उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी नेताओं के साथ सदन के कामकाज को लेकर चर्चा भी की है।

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