वहीं, राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस हथियार को आतंकवादियों के खिलाफ और देशद्रोहियों के खिलाफ किया जाना चाहिए था, उसका हमारे खिलाफ क्यों हो रहा है? हम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछना चाहते हैं कि इस हथियार का इस्तेमाल लोकतंत्र के खिलाफ क्यों किया गया?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी आवाज को संसद में दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा एक सवाल है कि क्या केंद्र सरकार ने पेगासस को खरीदा था कि नहीं? क्या केंद्र सरकार ने उसका इस्तेमाल अपने देश के लोगों के ख़िलाफ़ किया था कि नहीं? हम बस ये जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पेगासस पर चर्चा होने से पहले हम कहीं नहीं जाएंगे। हम संसद को चलने से नहीं रोक रहे हैं, बल्कि अपनी आवाज़ बुलंद करना चाह रहे हैं।
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि सरकार पेगासस पर चर्चा करने से मना कर रही है। इससे साफ है कि सरकार ने कुछ ग़लत किया है, स्पष्ट तौर पर सरकार ने कुछ ऐसा किया है जो देश के लिए ख़तरनाक है। वरना वे कहते कि आइए और चर्चा कीजिए।
क्या है मामला?
बता दें कि कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा खुलासा किया गया था कि भारत सरकार ने इज़रायली सॉफ्टवेयर पेगासस से कई लोगों के फोन को हैक किया है। इनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई नेता, कुछ केंद्रीय मंत्री, पत्रकार और अन्य लोगों का नाम शामिल था। हर दिन उन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके फोन नंबर या तो हैक किए या फिर हैक किए जाने वाले थे।
वहीं, विपक्ष की ओर से अब इस मसले पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया जा रहा है। विपक्ष की मांग है कि इस विषय पर चर्चा की जाए, जबकि सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।