नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों में जल्द ही इंडिया की जगह भारत लिखा नजर आ सकता है। दरअसल, NCERT अपने सिलेबस में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव कर रहा है। इसके लिए 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी।
इस कमेटी ने ही देश का नाम इंडिया के बजाय भारत लिखने का सुझाव दिया है। साथ ही सिलेबस से प्राचीन इतिहास को हटाकर क्लासिकल हिस्ट्री को और हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियों को शामिल करने की सिफारिश की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमेटी के अध्यक्ष सीआई आईजैक ने 25 अक्टूबर को बताया कि भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में है, जो 7 हजार साल पुराने हैं। इंडिया नाम आमतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद इस्तेमाल होना शुरू हुआ। ऐसे में देश के लिए भारत नाम का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सिलेबस में क्लासिकल हिस्ट्री शामिल करने के पीछे तर्क
आईजैक ने NCERT के सिलेबस में क्लासिकल हिस्ट्री शामिल करने के पीछे तर्क दिया- अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांट दिया। प्राचीन इतिहास बताता है कि देश अंधेरे में था, उसमें वैज्ञानिक जागरूकता नहीं थी। हमारा सुझाव है कि बच्चों को मध्यकाल और आधुनिक इतिहास के साथ-साथ क्लासिकल हिस्ट्री भी पढ़ाई जानी चाहिए।
मनोज झा बोले- संस्थानों का चरित्र देखकर हैरान हूं
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि मैं सरकार के अंतर्गत आने वाले संस्थानों का चरित्र देखकर हैरान हूं। जब से इंडिया गठबंधन बना हूं, तब से पीएम से लेकर मंत्रियों तक के अजीब रिएक्शन आ रहे हैं। वे तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन का मुकाबला कैसे करेंगे। अब NCERT किताबों में इंडिया को बदलकर भारत करने की बात कर रही है, लेकिन आप अनुच्छेद 1 का क्या करेंगे जो कहता है कि इंडिया दैट इज भारत। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इसका क्या अर्थ है। अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम बदलकर भारत कर लेता है तो वे क्या करेंगे।