प्लेटो ने कहा था कि “जो सच बोलता है, सबसे अधिक घृणा लोग उसी से करते हैं।” इसका जीवंत प्रमाण है कि जिस व्यक्ति ने जीवनभर सत्य के प्रयोग किए, सत्य के मार्ग का अवलम्बन- अनुसरण किया, सत्य को जीवन का मूलमंत्र माना और अहिंसा जैसा महामंत्र दुनिया को प्रदान किया, जिसके आलोक में समूची दुनिया शांति का मार्ग तलाश रही है, उसे दुनिया ने महामानव और नेताजी ने राष्ट्रपिता की संज्ञा दी, वही मोहनदास करमचंद गांधी आज अपने ही देश में सबसे अधिक घृणा का पात्र बनकर रह गया है। विडम्बना देखिए कि उसी की प्रतिमा के नीचे बैठकर दुनिया के सर्व शक्तिशाली देश अमरीका के लोग समूची दुनिया के लिए अहिंसा पथ का अनुसरण कर प्रेम, शांति और सद्भाव का संकल्प -शपथ लेते हैं।
यहां विचारक अशोक बाजपेयी का कथन स्मरणीय है कि “अगर बच सका तो वही बचेगा, हम सबमें वही,थोड़ा सा आदमी , जो प्रेम करने से नहीं चूकता। ” बीते वर्ष के अंतिम दिवस को मेरी आपसे यही विनती है कि घृणा करने वाले को घृणा करने दो, क्योंकि यह उसकी प्रवृत्ति है और यह वह स्वीकार कर चुका है कि आप उससे बेहतर हैं। इसलिए एक दूसरे को समझने का प्रयास करो, मित्र बनो, प्राणी मात्र और प्रकृति से प्रेम करो, अपना जीवन इत्र और दीपक की तरह बनाकर समूचे ब्रह्मांड को सुगंधित -आलोकित करो।
नव वर्ष 2020 आपके जीवन में सुख-समृद्धि, यश-वैभव, धन-धान्य,शांति, सौहार्द और प्रेम की भावना से परिपूर्ण हो, मंगलमय हो, आप और समस्त परिवारीजन निरोगी रहें, साथ ही आप प्रगति पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहें, परमपिता परमात्मा से प्रतिपल यही कामना करते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद् है)