नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस के कारनामों को पर्दाफाश करने वाले अपने बयान के मद्देनज़र बुधवार को देवेंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि 8 अक्टूबर 2017 को राजस्व खूफिया निदेशालय ने बीकेसी मुंबई में 14.56 करोड़ रुपये के नकली नोट जब्त किए थे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले को दबा दिया तथा केवल 8 लाख रुपये के नकली नोटों का मामला दर्ज किया, साथ ही नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया कि राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा मामले में गिरफ्तार किए गए प्रमुख व्यक्ति हाजी अराफात शेख के भाई थे, जिन्हें बाद में फडणवीस सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया था।
नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस के दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के साथ संबंधों का दावा करते हुए आरोप लगाया कि फडणवीस ने दाऊद के सहयोगी रियाज भाटी (Riyaz Bhati) की मदद से एक वसूली रैकेट (Vasooli Racket) भी शुरू किया था। जिसके अंतर्गत रियाज़ भाटी को 2015 के फर्जी पासपोर्ट (Fake Passport) मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब वह फरार है।
अपने ऊपर लगे आरोपों को बताया निराधार
इसी के साथ नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस पर यह भी आरोप लगाए हैं की उन्होनें अपने शासन में अपराधियों को बचाने के लिए एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की मदद भी ली है। देवेंद्र फडणवीस पर कई संगीन आरोप लगाते हुए नवाब मलिक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य की काले धन के व्यापार में कोई भी संलिप्तिति नहीं है।
संबंधित आरोप प्रत्यरोपों में हालिया मामला मंत्री नवाब मलिक के दामाद से जुड़ा हुआ है। मंत्री नवाब मलिक के दामाद ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मानहानि और उनपर लगाए गए झूठे आरोपों के लिए कानूनी नोटिस भेज दिया दिया है। कानूनी नोटिस भेजने के साथ ही नवाब मलिक के दामाद ने देवेंद्र फडणवीस पर मानसिक प्रताड़ना और वित्तीय नुकसान का आरोप लगाते हुए ₹5 करोड़ हर्जाने की मांग भी की है।