New Delhi/Atulya Loktantra: कांग्रेस पार्टी में व्यापक बदलाव और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र से पैदा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद समेत 23 नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। अब इसे लेकर कांग्रेस नेता एम शशिधर रेड्डी ने आजाद और उनके दोस्तों पर निशाना साधा है।
शशिधर रेड्डी ने 2012 के उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले हुई एक घटना को याद करते हुए कहा कि ‘गुलाम नबी आजाद और उनके दोस्त राहुल गांधी को एक बड़े नेता के रूप में नहीं देखना चाहते हैं।’रेड्डी ने कहा कि “जब मैं 2011 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) का उपाध्यक्ष था और आजाद स्वास्थ्य मंत्री थे, तब मैंने जापानी इंसेफेलाइटिस और एईएस के कारण पीड़ित को लेकर उनसे दो महीने तक उनसे मिलने की कोशिश की थी। वहां हर साल सैकड़ों बच्चे मर रहे थे।’
उन्होंने कहा कि ‘अंत में गोरखपुर के लगभग 500 लोगों ने खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राहुल गांधी, और गुलाम नबी आजाद भेजा था। सरकार को इस बीमारी के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी देने के लिए राजी किया गया था। दुर्भाग्य से, इस पर बात पर यूपी में 2012 चुनावों से पहले या उसके दौरान इस पर बात नहीं की गई। राहुल गांधी ने इन चुनावों के दौरान जमकर प्रचार किया, लेकिन यह मुद्दा उस तरीके से उजागर नहीं हुआ, जिस तरह से हो सकता था।” कांग्रेस नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया और सत्ता में आई।
उन्होंने कहा कि “आजाद ने उस समय यूपी में इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया। आज हम सभी कह सकते हैं कि न तो आजाद और न ही उनके कुछ दोस्त राहुल गांधी को एक मजबूत नेता के रूप में उभरने देना चाहेंगे।”