New Delhi/Atulya Loktantra:दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 32वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं है। सरकार के वार्ता के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन आज फैसला ले सकते हैं। किसान संगठनों ने शुक्रवार को भी इस पर विचार किया था। सरकार को उम्मीद है कि दो-तीन दिनों में किसानों के साथ बातचीत शुरू हो सकती है।
हम आतंकवादी नहीं किसान हैं : प्रदर्शनकारी
सिंघु बॉर्डर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मोदी सरकार से विनती है कि ये तीनों काले कानूनों को रद्द करें। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं हम आतंकवादी नहीं हैं.. जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहें तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है..हम आतंकवादी नहीं किसान हैं।
सरकार को उम्मीद अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है
वहीं, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है। प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं में से एक ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा के साथ कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की उनकी मांग बनी रहेगी।
केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं किसान
संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं। यूनियनों ने कहा कि आज उनकी एक और बैठक होगी जिसमें ठहरी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा।
शुक्रवार को चर्चा हुई लेकिन कोई फैसला नहीं
किसान नेता ने कहा, सरकार के पत्र में कोई प्रस्ताव नहीं है। हमें लगता है कि सरकार हमारी मांगों को समझ नहीं पाई है। इसलिए संभव है कि हम नए सिरे से बातचीत शुरू कर सकते हैं ताकि सरकार अपनी मांगें ठीक से समझा दें। उन्होंने कहा, तीनों कानून रद्द करने की मांग से एमएसपी को अलग नहीं कर सकते। एक अन्य किसान नेता ने कहा, इन कानूनों में निजी मंडियों का जिक्र है। यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसलों को एमएसपी पर खरीदा जाएगा। शुक्रवार को कई किसान संगठनों ने चर्चा की लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सका।
किसान संगठनों की आज दोपहर दो बजे बैठक
दिल्ली की कई सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 32वां दिन है। सरकार के वार्ता के नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों की आज बैठक होगी। इस बैठक में किसान संगठन नए वार्ता प्रस्ताव पर फैसला ले सकते हैं।