अतुल्यलोकतंत्र/अहमदाबाद: गुजरात की जामनगर कोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने संजीव भट्ट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
संजीव भट्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुखर विरोधी रहे हैं। वे लगातार प्रधानमंत्री पर निशाना साधते रहते हैं। आपको बताते जाए कि1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी। भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे। इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिनमें 25 लोग घायल हो गए थे और आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यायिक हिरासत में रहने के बाद एक आरोपी प्रभुदास माधवजी वैश्नानी की मौत हो गई।