New Delhi/Atulya Loktantra : बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान बुलबुल शनिवार देर रात पश्चिम बंगाल के समुद्री तट से टकराया था। इससे पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाएवं चलीं। इसमें अब तक सात लोगों की मौत की खबर है। जबकि 4.6 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। इसके अलावा ओडिशा में भी तूफान की वजह से दो लोगों की मौत हुई है। वहीं ताजा जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में नामखाना क्षेत्र में बुलबुल चक्रवात की चपेट में आने के बाद हटानिया दोनिया नदी में दो जेटी क्षतिग्रस्त हो गए।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण पूर्व बांग्लादेश और इससे सटे दक्षिण त्रिपुरा में आज सुबह 05:30 बजे चक्रवात कुछ कमजोर पड़ गया। यह अगले छह घंटों के दौरान और भी कमजोर हो जाएगा।
बता दें पश्चिम बंगाल के बाद ‘बुलबुल’ तूफान बांग्लादेश पहुंचा था। वहां तूफान ने जमकर तबाही मचाई था। तूफान की वजह से बांग्लादेश में 10 लोगों की जान गई। 21 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। हवाएं 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं।
Bulbul’ storm weakened, millions affected
बंगाल में तूफान प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव टीमें भी मुस्तैद हैं। इसके अलावा एतियातन कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शनिवार शाम छह बजे से अगले 12 घंटों तक उड़ानों का संचालन स्थगित कर दिया गया।
इस तूफान की वजह से कोलकाता और आस-पास के छह तटवर्ती जिलों में शुक्रवार से ही तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। तूफान की विभीषिका को देखते हुए राज्य के तटवर्ती इलाकों में स्थित पर्यटन केंद्रों को शुक्रवार शाम तक पर्यटकों से खाली करा लिया गया था। ममता बनर्जी ने राहत और बचाव कार्य की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को कंट्रोल रूम का दौरा किया था।
पीएम मोदी ने की ममता बनर्जी से बातचीत
पीएम नरेंद्र मोदी ने तूफान बुलबुल के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
बांग्लादेश पहुंचा तूफान, लाखों लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया
बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान बुलबुल के आने के कारण लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आपदा मंत्रालय सचिव शाह कमाल ने बताया कि शुरुआत में 5000 आश्रयगृहों में 14 लाख लोगों को रखने की योजना थी लेकिन शनिवार आधी रात को यह संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई।
Bulbul’ storm weakened, millions affected
चक्रवात के कारण 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। यह चक्रवात ऐसे समय आया है जब पूर्णिमा आने वाली है। पूर्णिमा में समुद्र का जल बढ़ जाता है। ऐसे में चक्रवात आने के कारण तबाही की आशंका पैदा हो गई थी।
चक्रवात गंगासागर के किनारे टकराया और यह खुलना क्षेत्र से होकर गुजरेगा जिसमें सुंदरवन भी आता है। टीवी चैनल इंडिपेंडेंट की खबर के अनुसार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बांग्लादेश की नौसेना और तटरक्षक बल को तैयार रखा गया है।