New Delhi/Atulya Loktantra : लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की बंपर जीत के बाद अब नई सरकार के गठन पर हर किसी की नजर है, साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं पर भी चर्चा शुरू हो गई है. सबसे बड़ी चर्चा इस बात की है कि देश का अगला वित्त मंत्री कौन होगा, अरुण जेटली या फिर कोई और होगा.
हालांकि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली इस बार मौका नहीं मिलेगा. इसके पीछे उनके खराब स्वास्थ्य को कारण बताया जा रहा है. रॉयटर्स ने इसके लिए 4 सूत्रों का हवाला दिया है.
पिछली सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के हवाले से रॉयटर्स ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वित्त मंत्री पद के बड़े दावेदार बन सकते हैं. यह वरिष्ठ मंत्री अपने नाम का खुलासा नहीं करने देना चाहते.
पीयूष गोयल बड़े दावेदार
सूत्र बताते हैं कि 66 साल के अरुण जेटली एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी संभालने के लिए फिट नहीं हैं. पिछले कई महीनों से उनके स्वास्थ्य में लगातार उतार-चढ़ाव रहा है. एक अन्य सूत्र ने दावा किया कि निश्चित तौर पर वह वित्त मंत्री का पद लेने नहीं जा रहे क्योंकि उनकी तबीयत बेहद खराब है. जिम्मेदारी लेना बेहद तनाव बढ़ाने जैसा है.
वर्तमान रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल वित्त मंत्री के लिए उपयुक्त हो सकते हैं क्योंकि 2014 से 2019 के बीच मोदी सरकार के कार्यकाल में अरुण जेटली के बीमार होने की सूरत में वह 2 बार वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं.
नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक बार फिर एनडीए ने बड़ी जीत हासिल करते हुए सत्ता में वापसी की है. खुद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऐतिहासिक कामयाबी हासिल करते हुए 300 से ज्यादा सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाया है.
नहीं मिला कोई जवाब
रॉयटर्स की ओर से इस संबंध में अरुण जेटली से जवाब मांगा गया, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं दिया गया. उनका फोन भी नहीं लग रहा. जेटली के स्पेशल ड्यूटी अधिकारी पारस सांखला भी फोन नहीं उठा रहे और न ही वह किसी मेल या एसएमएस (संदेश) का जवाब दे रहे हैं. जेटली के निजी सचिव एसडी राणाकोती और सहायक सचिव पद्म सिंह जामवाल भी ई-मेल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.
बीजेपी में अरुण जेटली की हैसियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बाद तीसरे सबसे बड़े नेता के रूप में रही है. जेटली गुरुवार रात बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी मुख्यालय में आयोजित जश्न समारोह में भी नहीं दिखे थे. जबकि पीएम मोदी और अमित शाह दोनों ने जीत के बाद जोरदार भाषण दिया था.
अरुण जेटली पिछले 2 हफ्तों से सार्वजनिक तौर पर दिखाई नहीं दिए हैं, हालांकि वह सोशल मीडिया पर अपने ब्लॉग या मैसेज पोस्ट करते रहे हैं.
जीत पर बधाई
जेटली का सोशल मीडिया में हालिया मैसेज बीजेपी की जीत के बाद का था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के सभी कार्यकर्ताओं को शानदार जीत के लिए बधाई दी थी.
वकील से नेता बने अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सबसे बड़े संकटमोचक थे. उन्होंने कई मामलों में उलझी सरकार को संकट से बाहर निकाला था.
2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद अरुण जेटली को 3 अहम मंत्रालय (वित्त, रक्षा और सूचना-प्रसारण मंत्रालय) का प्रभार दिया गया था. शुगर की समस्या से ग्रस्त जेटली की हालत पिछले साल मई में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लगातार बिगड़ती चली गई. उन्होंने फरवरी में अंतरिम बजट भी पेश नहीं किया था. बजट पेश किए जाने के दौरान वह अमेरिका में कैंसर का इलाज करा रहे थे.