पलवल ( अतुल्य लोकतंत्र) मुकेश बघेल / जिला पुलिस कप्तान लोकेन्द्र सिंह के दिशानिर्देश अनुसार पलवल पुलिस ने अवैध नशा तस्करों और मादक पदार्थ विक्रेताओं की कमर तोड़ रखी है। उसी कड़ी में पलवल अपराध जांच शाखा/ एंटी नारकोटिक्स सेल पुलिस ने एक युवक को 15000 प्रतिबंधित गोलियों व 408 कैप्सूल के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
इस मामले की जानकारी उप पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक पलवल श्री संदीप मोर ने दी। उन्होंने बताया की नशा मुक्त भारत पखवाड़ा चल रहा है जिसमें पुलिस कप्तान ने जिला पुलिस को निर्देशित किया हुआ है की किसी भोई तरह के अवैध नशा और मादक पदार्थ तस्करों पर शिकंजा कस उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाये। उसी को मद्देनजर रख सीआईए/ एंटी नारकोटिक्स सेल पलवल प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद इलियास की टीम ने 15000 प्रतिबंधित गोलियों व 408 प्रतिबंधित कैप्सूल के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया है।
डीएसपी ट्रैफिक के अनुसार सीआईए पलवल में तैनात एएसआई कुशल कुमार अपनी टीम के साथ पलवल अलीगढ मोड़ पर चांदहट चौक के समीप मौजूद थे जहां उन्हें मुखबिर खास द्वारा सुचना मिली की अमित कुमार पुत्र सुरेंद्र पाल निवासी गांव बड़ौली प्रतिबंधित दवाइयां बेचने का काम करता है जो आज भी प्रतिबंधित दवाइयों को बैग में लेकर बेचने के लिए अपने घर के सामने खड़ा है। जिस पर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर रेड की जहाँ एक युवक बैग लेकर खड़ा हुआ था पुलिस टीम ने उसकी तलाशी लेने की बात कही जिसपर उक्त युवक ने तलाशी किसी राजपत्रित अधिकारी के समक्ष लेने को कहा।
इसलिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट जिला रोजगार अधिकारी शक्ति पाल को मौके पर बुलाया और उक्त युवक के बैग की तलाशी ली जिसमें 25 डिब्बा एल्प्राजोलम टेबलेट मिले जो प्रत्येक डिब्बा में दस सिटप थे जिनकी गिनती करने पर कुल 15000 गोलियां मिली और 17 सिटप पैरासीटामोल, Dicyclomine, Hydrochloride Tramadol Hydrochloride Capsules (325 mg10mg50mg) Proxyband Spas मिले जिनकी गिनती करने पर कुल 408 कैप्सूल बरामद हुए। जिनका मोबाइल से फोटो खींचकर ड्रग कंट्रोल ऑफिसर को भेजा जिन्होंने फोटो चेक करने उपरांत बताया की उक्त दवाइयां प्रतिबंधित है।अवैध मादक पदार्थ में आती हैं। जिसके चलते पुलिस टीम ने आरोपी को प्रतिबंधित दवाइयों समेत गिरफ्तार कर लिया जिसमे पूछताछ में अपना नाम अमित पुत्र सुरेंद्र पाल गांव बड़ौली थाना चांदहट जिला पलवल बताया। *आरोपी को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जायेगा ताकि इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके।